Parkash Singh Badal Passes Away: पंजाब (Punjab) के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल (95) का मंगलवार को निधन हो गया. उन्हें करीब एक हफ्ते पहले मोहाली (Mohali) के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सांस लेने में असुविधा की शिकायत के बाद उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनका रात करीब आठ बजे बादल का निधन हो गया.


मलोट के पास अबुल खुराना में आठ दिसंबर, 1927 को जन्मे प्रकाश सिंह बादल ने लाहौर के फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक किया. उनकी राजनीतिक यात्रा 1947 में उस वक्त शुरू हुई जब वे बठिंडा जिले के बादल गांव के ‘सरपंच’ बने. इसके बाद वे ब्लॉक समिति के अध्यक्ष बने. अपने लंबे राजनीतिक जीवन के दौरान, बादल पांच बार (1970-71, 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-17 में) राज्य के मुख्यमंत्री पद पर रहे.


2022 में चुनाव हार गए थे बादल


प्रकाश सिंह बादल 94 साल की उम्र में पिछले साल राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले देश के सबसे उम्रदराज उम्मीदवार बने, जब वह 13वीं बार चुनावी मैदान में उतरे. वह, हालांकि मुक्तसर जिले के लांबी के अपने गढ़ को नहीं बचा सके. सात दशक से अधिक के राजनीतिक करियर में यह उनकी केवल दूसरी हार थी.


प्रकाश सिंह बादल कई बार जेल भी गए


प्रकाश सिंह बादल अपने राजनीतिक करियर में कई बार जेल भी गए. दरअसल इंदिरा गांधी ने देश में जब इमरजेंसी लगाई तो बादल ने भी इसका विरोध किया. साल 1975 से 1977 के दौरान वह मीसा कानून के तहत कई बार जेल भी गए. इसके अलावा अस्सी के दशक में पंजाब से हरियाणा नदियों का पानी डायवर्ट करने के विरोध में भी वह जेल गए. एक बार संविधान की कॉपी फाड़ने के कारण भी बादल को जेल जाना पड़ा, हालांकि बाद में उन्होंने देश के संविधान का अपमान करने पर माफी मांग ली थी.


1971 में लागू हुआ था मीसा कानून


मीसा कानून साल 1971 में लागू किया गया था लेकिन इसका इस्तेमाल आपातकाल के दौरान कांग्रेस विरोधियों, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डालने के लिए किया गया. मीसा और डीआरआई के तहत एक लाख से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था.


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