Parliament Monsoon Session: जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा में मांग ली दीपेंद्र सिंह हुड्डा से गुरु दक्षिणा, बोले- 'वो अपनी जेब से कुछ देंगे...'
Rajya Sabha News: शुक्रवार को राज्यसभा का सदन उस समय ठहाकों से गूंज उठा जब जगदीप धनखड़ ने अपने जूनियर दीपेंद्र हुड्डा से कहा कि वो प्रो. झा को मेरी ओर से शाम होने तक कुछ दें.
Punjab News: संसद के मानसून सत्र के दौरान इस बार राज्यसभा और लोकसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच मणिपुर हिंसा, दिल्ली अध्यादेश और नूंह हिसां सहित कई अन्य मसलों को लेकर सियासी तनातनी चरम पर है, लेकिन शुक्रवार को राज्यसभा उस समय ठहाकों के साथ हास-परिहास में बदल गया जब, उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने सदन के कुछ सदस्यों को शुक्रवार को जन्मदिन की बधाई दी. सदन के सदस्यों को बधाई देने के इसी क्रम को जारी रखते हुए उन्होंने आज सांसद मोपी देवी, सांसद व प्रोफेसर मनोज झा (Manoj Jha) और सांसद इमरान प्रतापगढ़ी व अन्य सदस्यों को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी.
इस बीच सदन का माहौल उस समय ठहाकों से गूंज उठा, जब उन्होंने मेव कॉलेज अजमेर में अपने कनिष्ठ सहयोगी व राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा (Deepender Singh Hooda) का नाम लेते कहा कि वो तीन बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं. वर्तमान में सदन के सदस्य हैं. इस लिहाज से उनका अनुभव काफी लंबा है, लेकिन वो मेव कॉलेज में जूनियर रह चुके हैं. इस लिहाज से मैं, उनका संरक्षक रह चुका हूं. ऐसे में, आज मैं उनसे गुरु दक्षिणा लूंगा. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद प्रोफेसर मनोज झा को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि आज शाम होने तक दीपेंद्र हुडा बतौर गुरु दक्षिणा मेरी ओर से प्रोफेसर झा को अपनी जेब से कुछ भेंट करेंगे. उनकी इस बात को सुनकर सभी लोग हंस पड़े. इस पर मनोज झा ने भी सभापति का खुश होकर अभिभावदन किया.
उम्मीद है हाउस का डेकोरम बनाए रखेंगे प्रो. झा
इससे पहले जगदीप धनखड़ ने प्रोफेसर मनोज कुमार झा को जन्म दिन की बधाई देते हुए कहा कि वो साल 2018 से सदन के सदस्य हैं. सोशल वर्क में डॉक्टरेट झा की दो बेटियां हैं और डॉटर्स क्लब के मेंबर भी है. प्रो. झा का सियासी कौशल बहुत अच्छा है. सदन का सदस्य होने से पहले वो दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रह चुके हैं. एक बार जो प्रोफेसर हो जाता है वो ताउम्र प्रोफेसर ही बना रहता है. मैं, उनसे अपेक्षा करता हूं कि वो अपनी प्रखरता का परिचय देते हुए हाउस का डेकेरोम बनाए रखेंगे.
सदन का सत्र न होने पर करते हैं ये काम
बता दें कि देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन के सदस्यों को जन्मदिन की बधाई देने की नई परंपरा की शुरुआत की है. सदन का सत्र में होने पर वह कार्यवाही शुरू होने से पहले और अवकाश के दिनों में सदस्यों को निजी तौर पर फोन पर इसकी बधाई देते हैं.