Punjab: पंजाब के फगवाड़ा के एक गुरुद्वारा परिसर में सिखों के निहंग संप्रदाय के एक व्यक्ति द्वारा कथित तौर पर मारे गए युवक की पहचान हो गई है. युवक पश्चिम दिल्ली के पश्चिमपुरी में रहता था. पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि युवक की पहचान विशाल कपूर के रूप में की गई है. युवक की हत्या के आरोपी रमनदीप सिंह को अदालत ने एक सप्ताह के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.


घटना के बाद निहंग रमनदीप सिंह ने दावा किया था कि अज्ञात पीड़ित ऐतिहासिक गुरुद्वारा छेवीं पादशाही चौरा खूह में बेअदबी के कृत्य को अंजाम देने आया था. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गुरुद्वारे में बेअदबी की कोई घटना नहीं हुई. पुलिस ने बताया कि दिवंगत दविंदर कपूर के बेटे विशाल का जन्म दिल्ली के पश्चिमपुरी में हुआ था.


युवक के बारे में क्या जानकारी मिली?


पुलिस के बयान में कहा गया है, ‘‘बचपन में विशाल 8-10 साल तक फगवाड़ा में रहा. फिर वह अपनी दादी के साथ दिल्ली चला गया और कुछ समय तक वहीं रहा. पुलिस ने बताया कि दादी के निधन के बाद वह बेसहारा हो गया. वह दिल्ली में सड़कों पर अपना जीवन गुजार रहा था, जहां गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने उसकी मदद की. पुलिस ने बताया कि उसने वहां से जाने की इच्छा जताई, जिसके बाद से उसका कोई अता-पता नहीं था.


7 दिन के पुलिस रिमांड पर आरोपी


‘निहंग’ सिख समुदाय के योद्धा समुदाय से संबंधित होते हैं, जिनके सदस्य आमतौर पर पारंपरिक हथियारों के साथ नीले वस्त्रों में देखे जाते हैं. रमनदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने घटना में मारे गए व्यक्ति के खिलाफ धारा 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) भी लगाई. पुलिस अधीक्षक गुरप्रीत सिंह ने कहा कि रमनदीप सिंह को अदालत ने सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.


निहंग ने वीडियो जारी कर ली थी हत्या की जिम्मेदारी


निहंग ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उसने हत्या की जिम्मेदारी ली और दावा किया कि उसने आत्मरक्षा में कार्रवाई की. रमनदीप सिंह की ओर से अपलोड किए गए एक अन्य वीडियो में पीड़ित को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उसे किसी ने गलत काम में शामिल होने के लिए भेजा था. ढिल्लों ने पहले कहा था कि निहंग के खिलाफ लगाई गई आईपीसी की धारा 304 को आगे की जांच के बाद धारा 302 (हत्या) में बदला जा सकता है. 


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