Patiala News: पटियाला (Patiala) स्थित पंजाबी विश्वविद्यालय (Punjabi University) में गेस्ट फैकल्टी के रूप में कानून पढ़ाने वाले संदीप सिंह के अमृतसर की सड़कों पर सब्जियां बेचते देखे जाने के बाद अब विश्वविद्यालय की प्रतिक्रिया सामने आई है. पीएचडी सब्जीवाला का बोर्ड लगाकर सब्जी बेचने वाले संदीप सिंह को लेकर विश्वविद्यालय ने पुष्टि की है कि सिंह ने 2017 में विश्वविद्यालय के कानून विभाग से पीएचडी की थी. विश्वविद्यालय के डीन अशोक कुमार तिवारी और कानून विभाग की एचओडी मोनिका चावला ने पुष्टि की कि संदीप विश्वविद्यालय में गेस्ट फैकल्टी के रूप में पढ़ा रहे थे.


उन्होंने बताया कि  संदीप को 2023-24 सत्र के लिए रखा गया था. हालांकि, उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए शिक्षण का कार्यभार नहीं संभाला. विश्वविद्यालय ने कहा कि संदीप को जनवरी से मई तक अगले सेमेस्टर के लिए गेस्ट फैकल्टी के रूप में शिक्षण कार्य जारी रखने की मंजूरी भेज दी गई है और संदीप की सहमति का इंतजार है. सदीप को हाल ही में अपने ठेले पर "पीएचडी सब्जीवाला" लिखा हुआ बोर्ड लटकाए हुए सब्जियां बेचते देखा गया था.


संदीप सिंह बेच रहे थे सब्जी
संदीप ने कहा कि वह सब्जियां बेच रहे थे क्योंकि गेस्ट फैकल्टी के रूप में 20,000-25000 रुपये का मासिक वेतन पर्याप्त नहीं था. वहीं विश्वविद्यालय द्वारा साझा किए गए रिकॉर्ड के अनुसार, संदीप ने गुरु नानक देव विश्वविद्यालय (जीएनडीयू), अमृतसर से एलएलबी और एलएलएम किया और 2017 में पंजाबी विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी की. उन्होंने 2011 से 2016 तक जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ), सीनियर रिसर्च फेलो (एसआरएफ) और जुलाई 2016 से मई 2023 तक पंजाबी यूनिवर्सिटी में गेस्ट फैकल्टी के रूप में काम किया था.


संदीप सिंह ने क्या कहा
संदीप ने कहा कि मैं हमेशा से कानून पढ़ाना चाहता था और लगभग 13 वर्षों तक मैंने ऐसा किया है. संदीप ने आगे कहा "हालांकि, इस जून में मुझे पढ़ाना छोड़ना पड़ा क्योंकि मेरे और मेरे परिवार के लिए गेस्ट फैकल्टी के रूप में मिलने वाले वेतन पर गुजारा करना मुश्किल हो गया और मैंने अमृतसर में सब्जियां बेचना शुरू कर दिया." बता दें वो वर्तमान में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से बीलिब (बैचलर ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंसेज) की पढ़ाई भी कर रहे हैं. कठिनाइयों के बावजूद संदीप सिंह ने कहा कि वह भविष्य में बच्चों को पढ़ाना जारी रखना चाहते हैं और अपना खुद का एक कोचिंग सेंटर शुरू करने की उम्मीद करते हैं. संदीप ने कहा कि मुझे अफसोस है कि विश्वविद्यालय मुझे स्थायी नौकरी की पेशकश नहीं कर सका.


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