Chandigarh News: चंडीगढ़ पर अधिकार को लेकर पंजाब (Punjab News) और हरियाणा  (Haryana News)में छिड़ी सियासी जंग छिड़ गई है. पंजाब विधानसभा (Pujab Assembly News) में  केंद्र के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास होने के बाद हरियाणा ने विधानसभा (Haryana Assembly News) का मंगलवार को विशेष सत्र बुलाया तो वहीं राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deepender Singh Hooda) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति एम वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) को चिट्ठी लिखकर पंजाब पर साझा राजधानी के लिए बने नियम की अवहेलना करने का आरोप लगाया है.


दरअसल, यह सारा विवाद चंडीगढ़ के 22 हजार सरकारी कर्मचारियों की सेवाएं केंद्रीय सेवा नियम के अधीन करने से यह बवाल शुरू हुआ है. पंजाब सरकार ने आरोप लगाया है कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार बदले की नीयत से काम कर रही है. बीते दिनों चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ के कर्माचारियों को केंद्रीय सेवा नियम के तहत लाने का एलान किया था.


भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा- हर बलिदान को तैयार
गौरतलब है कि दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह चिट्ठी ऐसे समय में लिखी है जब उनके पिता और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा था कि हरियाणा के हितों की रक्षा के लिए कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार के प्रस्ताव को राजनीतिक जुमला बताते हुए कहा था कि चंडीगढ़ हरियाणा का हिस्सा है और रहेगा. उन्होंने कहा, ‘‘किसी को भी हरियाणा के हितों को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. हम राज्य के हितों की रक्षा के लिए कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं.’’


उधर हरियाणा सरकार ने चंडीगढ़ को आम आदमी पार्टी शासित पंजाब को हस्तांतरित करने के संबंध में पड़ोसी राज्य पंजाब द्वारा एक प्रस्ताव पारित किये जाने के कुछ दिनों बाद पांच अप्रैल को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है.


पंजाब सरकार ने क्यों पारित किया प्रस्ताव?
हरियाणा सरकार के परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा ने बताया कि एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का फैसला मंत्रिपरिषद की एक बैठक में लिया गया.  समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार मूल चंद शर्मा ने कहा, ‘‘हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र पांच अप्रैल को बुलाने का फैसला किया गया. पंजाब के एक प्रस्ताव पारित करने के बाद, इस विशेष सत्र में कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.’ ’पंजाब विधानसभा ने चंडीगढ़ को पंजाब को हस्तांतरित करने की मांग करते हुए शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया था.


केंद्रीय सेवा नियम केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर भी लागू होने संबंधी केंद्र की घोषणा के मद्देनजर पंजाब सरकार एक अप्रैल को राज्य विधानसभा में प्रस्ताव लाई थी. आम आदमी पार्टी  के अलावा, कांग्रेस की पंजाब इकाई और शिरोमणि अकाली दल ने केंद्र के फैसले की आलोचना करते हुए दावा किया था कि यह पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के खिलाफ है.


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