Haryana News: चंडीगढ़ विधानसभा कूच के दौरान  28 अगस्त को पुलिस के साथ हुई धक्का-मुक्की में तबीयत बिगड़ने के बाद आशा वर्कर पारूल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसकी मंगलवार देर रात हो गई. आशा वर्कर की मौते के लिए यूनियन ने हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. जिसके बाद प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. बीजेपी-जेजेपी की गठबंधन सरकार कांग्रेस के निशाने पर आ गई है. हरियाणा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और छतीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है. 


‘सरकार सत्ता के लालच में गिद्ध बन चुकी है’
कुमारी शैलजा ने ट्वीट कर लिखा- हरियाणा प्रदेश के लिए एक बेहद दुखद एवं शर्मनाक खबर, पुलिस के साथ धक्का मुक्की में बेसुध हुई आंदोलनरत आशा वर्कर पारुल की इलाज के दौरान हुई मौत. क्रोध एवं संवेदना से मन भरा हुआ है. हरियाणा सरकार सत्ता के लालच में गिद्ध बन चुकी है. दो बच्चे, मां की ममता से हमेशा हमेशा के लिए अलग हो गए. रक्षाबंधन के दिन किसी भाई की कलाई हमेशा हमेशा के लिए सूनी हो गई. तीन दिवसीय आंदोलन, हफ्तों चलता रहा सरकार ने सुध नहीं ली. हरियाणा सरकार ने महिलाओं पर बल प्रयोग किया, धक्का मुक्की हुई, गिरफ्तारी की गई. आशा वर्करों से बात करके प्रदेश सरकार उनकी समस्या का समाधान निकालती तो आज आशा वर्कर पारुल हमारे बीच होती. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे एवं परिजनों को इस दु:ख की घड़ी से उबरने का हौसला दे. 



‘सरकार की जिद और अहंकार ने एक और जान ले ली’
कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी ट्वीट कर सरकार को घेरा. उन्होंने ट्वीट कर लिखा- हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार के अहंकार और जिद ने एक और जान ले ली. रक्षा बंधन के दिन यमुनानगर से एक आंदोलनकारी आशा वर्कर बहन की मौत की खबर सुनकर दुखी हूं. मृतक आशा वर्कर को श्रद्धांजलि व परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. सरकार से आग्रह है कि अपना अहंकार छोड़े और आशा वर्करों की मांग पर मानवीय दृष्टिकोण से विचार कर उन्हें स्वीकार करे.


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