Prakash Singh Badal Highlights: पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल को आखिरी सलामी देने चंडीगढ़ पहुंचे पीएम मोदी

Parkash Singh Badal Death Highlights: पंजाबी राजनीति के कद्दावर नेता और पांच बार सीएम रहे प्रकाश सिंह बादल को प्रदेश में हिंदुओं और सिखों के बीच एका कायम करने के लिए जाना जाता है. 

ABP Live Last Updated: 26 Apr 2023 01:21 PM
Parkash Singh Badal Passes Away: पीएम मोदी पहुंचे चंडीगढ़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि  देने के लिए चंडीगढ़ पहुंच चुके है. 





Parkash Singh Badal Died: पूर्व PM मनमोहन सिंह जताया शोक

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सुखबीर सिंह बादल को पत्र लिखा और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल के निधन पर शोक व्यक्त किया.

Parkash Singh Badal Death: पूर्व सीएम बादल को दी जा रही है श्रद्धांजलि

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल को शिरोमणि अकाली दल पार्टी के कार्यालय में लोग श्रद्धांजलि दे रहे है. कार्यालय में लोगों की भारी भीड़ लगी है. 

एंबुलेंस पर की गई पुष्पवर्षा

पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के पार्थिव शरीर को ले जाने वाली एंबुलेंस के चंडीगढ़ में पार्टी कार्यालय पहुंचने पर पुष्पवर्षा की गई. अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को पार्टी कार्यालय में रखा जाएगा.

बादल का पार्थिव शरीर अस्पताल से रवाना

पूर्व सीएम का बादल का पार्थिव शरीर अस्पताल से शिरोमणि अकाली दल पार्टी कार्यालय ले जाया जा रहा है. जहां पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. 

पीएम मोदी बादल को देंगे श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ पहुंचेंगे: सूत्र

27 अप्रैल को रहेगा सार्वजनिक अवकाश

पंजाब सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है. 27 अप्रैल को पूरे राज्य में सार्वजनिक अवकाश रहेगा. 

अपने साथ जोड़ा गांव 'बादल' का नाम

प्रकाश सिंह जब पहली बार बादल गांव के सरपंच चुने गए थे, तब उन्होंने अपने नाम के आगे अपने गांव का नाम 'बादल' जोड़ा. सरपंच चुने जाने के बाद वो लंबी ब्लाक समिति के प्रधान भी चुने गए थे.

मोहाली से बठिंडा तक निकलेगी अंतिम यात्रा

शिरोमणि अकाली दल के मुख्यालय में बादल का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. दोपहर 12 बजे उनके पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ से राजपुरा, पटियाला, बरनाला रामपुरा फूल बठिंडा होते हुए बादल गांव ले जाया जाएगा.

2 दिन का राजकीय शोक

पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल  निधन पर 26 और 27 अप्रैल को दो दिनों का राजकीय शोक रहेगा.इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा.

बैकग्राउंड

पंजाब की राजनीति के स्तंभ और पांच बार मुख्यमंत्री रहे शिरोमणि अकाली दल नेता प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार की रात 95 साल की आयु में निधन हो गया. बुधवार को प्रकाश सिंह बादल का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए चंडीगढ़ के सेक्टर-28 स्थित पार्टी कार्यालय में रखा जाएगा. इस दौरान शिरोमणि अकाली दल के कार्यालय में गणमान्य लोग, पार्टी के कार्यकता सहित सभी लोग उनका अंतिम दर्शन कर पाएंगे. पार्टी कार्यालय में उनके पार्थिव शरीर को 26 अप्रैल की सुबह 10 बजे से 12 बजे दोपहर तक दर्शन के लिए रखा जाएगा. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ से पूर्व सीएम के पैतृक गांव ले जाया जाएगा. प्रकाश सिंह बादल के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार 27 अप्रैल को दोपहर 1 बजे किया जाएगा. 


भारतीय राजनीति के कद्दावर नेता प्रकाश सिंह बादल ने सीमावर्ती राज्य पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार 1970 में शपथ ली थी. उस समय उनकी उम्र 43 साल की थी. उस समय वह पंजाब के सबसे कम उम्र के सीएम बने थे. इसके बाद वर्ष 2012 में बादल प्रदेश के सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री बने थे. एक मार्च 2007 से 2017 के बीच उन्होंने दो बार पंजाब के सीएम का कार्यभार संभाला. वह केंद्र सरकार में भी मंत्री बनाए गए थे. करीब आठ साल पहले यानी 2015 में मोदी सरकार ने उन्हें 2015 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था. पंजाब के पूर्व सीएम को पंजाब में हिंदुओं और सिखों के बीच एका कायम करने के लिए जाना जाता है. 


प्रकाश सिंह बादल ने सतलुज यमुना लिंक नहर के खुलकर विरोध किया था. वह नहीं चाहते थे एसवाईएल से हरियाणा को पानी मिले. एसवाईएल से पानी साझा करना आज भी दोनों राज्यों के बीच एक अहम मुद्दा बना हुआ है. एसवाईएल परियोजना का उग्र विरोध करने और उसके खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए 1982 में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था. हरियाणा को पानी देने के खिलाफ वह न केवल मुखर रहे बल्कि् पंजाब विधानसभा में उनके नेतृत्व में विवादास्पद पंजाब सतलुज यमुना लिंक नहर विधेयक 2016 भी पारित कराया गया था. 

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