(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हरियाणा में BJP को कम सीटें मिलने पर प्रशांत किशोर का बड़ा बयान, आगामी चुनाव के लिए विपक्ष को दी ये सलाह
Prashant Kishor News: प्रशांत किशोर ने कहा कि हरियाणा में विपक्ष फायदे की स्थिति में है. यहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं, ऐसे में विपक्ष के लिए अच्छी बात यह है कि यहां बीजेपी बैकफुट पर है.
Haryana Lok Sabha Elections Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं और एनडीए गठबंधन केंद्र में 293 सीटों के साथ सरकार बनाने जा रही है. जबकि "इंडिया" गठबंधन ने 234 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं हरियाणा में बीजेपी इस बार कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई. पिछली बार सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने वाली बीजेपी इस बार पांच सीटों पर ही सिमट गई. ऐसे में बीजेपी के प्रदर्शन का असर आने वाले विधानसभा चुनाव पर क्या होगा इसको लेकर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपनी बात रखी.
इंडिया टुडे से खास बातचीत में प्रशांत किशोर ने हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में बीजेपी के खराब प्रदर्शन और पर कहा कि " विपक्ष तीन राज्यों हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में फायदे की स्थिति में है, यहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. इन राज्यों में विपक्ष के लिए अच्छी बात यह है कि यहां बीजेपी बैकफुट पर है.'
आगामी चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर ने किया ये दावा
प्रशांत ने आगे कहा कि 'मुझे लगता है कि भारतीय नेता इसे समझते हैं और इसीलिए उन्होंने इसे सही समय पर लेंगे'. विपक्ष को मेरी सलाह है कि अपनी सारी ताकत लगाएं और उन तीन राज्यों पर फोकस करें.' प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर बीजेपी इन तीन इन तीन राज्यों में से कम से कम दो को बचाने में विफल रहती है, तो पार्टी को आंतरिक असंतोष और सहयोगियों के अलग होने सहित परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
हरियाणा में BJP के खराब प्रदर्शन पर क्या बोले प्रशांत?
वहीं हरियाणा में लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन पर प्रशांत किशोर में कहा कि "हरियाणा में बीजेपी और संघ के स्ट्रक्चर और दूसरे राज्यों के स्ट्रक्चर में फर्क है. हरियाणा में बीजेपी सिर्फ मोदी के नाम पर जीत रही थी, जबकि दूसरे राज्यों में मोदी के नाम के साथ बीजेपी का बहुत बड़ा स्ट्रक्चर भी है."
बता दें हरियाणा में बीजेपी इस बार पांच सीटों पर ही सिमट गई. वहीं पांच सीटों पर कांग्रेस ने दमदार जीत हासिल की है. 2019 के मुकाबले बीजेपी के वोटिंग प्रतिशत में भी 11 प्रतिशत की कमी आई है. इसका मतलब है कि लोकसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री बदलने का फायदा यहां बीजेपी को मिलता दिखाई नहीं दिया.