Punjab News: पंजाब में रुपनगर से एक सहायक प्रोफेसर द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि मृतक सहायक प्रोफेसर नियुक्ति होने के बाद स्टेशन अलॉट ना होने के चलते परेशान चल रही थी. मृतका का एक सुसाइट नोट भी वायरल हो रहा है. जिसको लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए है.


पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस पर एक महिला प्रोफेसर को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जाना चाहिए और गिरफ्तार किया जाना चाहिए.


‘पंजाब सरकार अपना निष्पक्ष रुख प्रदर्शित करे’ 


कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आगे लिखा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान जिनके पास गृह विभाग भी है, को कुशलतापूर्वक कार्य करना चाहिए और पुलिस से भूमिगत होने से पहले शिक्षा मंत्री को उठाने के लिए कहना चाहिए. यही समय है. आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार अपना निष्पक्ष रुख प्रदर्शित करे. 



‘सुसाइड नोट में क्या लिखा है’
आपको बता दें कि नौकरी ज्वाइन करवाने की मांग को लेकर सहायक प्रोफेसर शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस के गांव गंभीरपुर के बाहर कई दिन से प्रर्दशन कर रहे है. सहायक प्रोफेसर बलविंदर कौर ने शनिवार को नहर में छलांग लगा दी. बलविंदर कौर की स्कूटी नहर की किनारे से बरामद की गई. पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें उन्होंने लिखा है कि शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने भी उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया है. बलिवंदर कौर ने सुसाइड नोट लिखा कि 3 दिसंबर 2021 को उन्हें नियुक्ति पत्र मिला था लेकिन ज्वाइनिंग अभी तक नहीं मिली. जिससे वो मानसिक तौर पर परेशान हो गई है. 


पति और ससुर पर भी मामला दर्ज
पुलिस ने बलविंदर कौर के पति और ससुर पर भी मामला दर्ज किया है. बलविंदर कौर के भाई हरदेव सिंह की शिकायत पर उनके ससुर भाग सिंह और पति सुप्रीत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. हरदेव सिंह ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि बलविंदर के ससुराल वाले उसे परेशान करते थे.


बादल ने भी गिरफ्तारी की उठाई मांग


अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल ने भी सहायक प्रोफेसर की आत्महत्या के मामले में शिक्षा मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है. अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि यह जानकर बहुत दुख हुआ कि 1158 सहायक प्रोफेसर और लाइब्रेरियन मोर्चा की एक उम्मीदवार जो शिक्षा मंत्री के आवास के सामने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन कर रही थी. उसने आत्महत्या कर ली है. चूंकि सुसाइड नोट में मंत्री का नाम लिया गया है इसलिए उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. इन सभी उम्मीदवारों को सहायक प्रोफेसर के रूप में भर्ती किया गया था और उनमें से 600 से अधिक तो अपनी पिछली नौकरियां छोड़ने के बाद सरकारी सेवा में शामिल हो गए थे. उन्हें पंजाब सरकार द्वारा न्याय दिया जाना चाहिए.


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