पंजाब (Punjab) में आम आदमी पार्टी (AAM AADMI PARTY) के सभी 92 विधायक आज विधानसभा से राजभवन (Vidhansabha to Rajbhawan) तक मार्च करेंगे.राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित (Governor Banwari Lal Purohit) की ओर से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसाल रद्द किए जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने यह निर्णय लिया है.आप के विधायक शांति मार्च निकाल कर कथित 'ऑपरेशन लोटस' (Operation Lotus) का विरोध करेंगे. मान सरकार ने गुरुवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर विश्वास प्रस्ताव हासिल करने की तैयारी की थी. राज्यपाल ने पहले तो इस सत्र के लिए मंदूरी दे दी, लेकिन बाद में बुधवार को उसे वापस ले लिया था. मुख्यमंत्री मान ने राज्यपाल के इस फैसले पर कहा था कि जनता सब देख रही है.
कब शुरू होगा आप के विधायकों का शांति मार्च
आम आदमी पार्टी सूत्रों के मुताबिक उसके विधायकों का राजभवन की ओर मार्च सुबह 11 बजे शुरू होगा.राज्पाल ने विश्वास मत हासिल करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के राज्य सरकार के फैसले को गलत बताया था.बीजेपी पर अपने विधायकों द्वारा खरीद-फरोख्त का आरोप लगाने के बाद मान सरकार ने गुरुवार को एक दिन का विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया था.
राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने क्या कहा था
राज्यपाल ने बुधवार शाम एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि केवल विश्वास मत हासिल करने के विचार से विधानसभा का सत्र बुलाने के फैसले में विशिष्ट नियमों के अभाव के चलते,मैं अपने उस आदेश को वापस ले रहा हूं,जिसके तहत 20 सितंबर को 16वीं पंजाब विधानसभा का तीसरा विशेष सत्र बुलाने की अनुमति दी गई थी. राज्यपाल ने कानूनी सलाह के बाद यह फैसला लिया.
मुख्यमंत्री भगवंत मान की प्रतिक्रिया
राज्यपाल के विशेष सत्र का फैसला वापस लेने पर भगवंत मान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी.उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ''राज्यपाल द्वारा विधानसभा ना चलने देना देश के लोकतंत्र पर बड़े सवाल पैदा करता है...अब लोकतंत्र को करोड़ों लोगों द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि चलाएंगे या केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया हुआ एक व्यक्ति... एक तरफ भीमराव जी का संविधान और दूसरी तरफ ऑपरेशन लोटस...जनता सब देख रही है.''
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने भी एक विशेष सत्र बुलाकर विश्वास मत हासिल किया था. आप बीजेपी पर अपनी सरकारों को अस्थिर करने और विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगा रही है. इसी के बाद दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था. उसी की तर्ज पर भगवंत मान सरकार ने भी विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया था.
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