Punjab Air Pollution: पंजाब (Punjab) के कई जिलों में इन दिनों पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं. इसकी वजह से प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से वायु प्रदूषण (Air Pollution) में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में पंजाब के कई जिलों में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. लुधियाना (Ludhiana) में भी प्रदूषण ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं और सांस के मरीजों में इजाफा हुआ है. लोगों में आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, सर्दी, खांसी और जुकाम की शिकायत ज्यादा है.


लुधियाना सिविल अस्पताल की डॉक्टर अमनप्रीत कौर ने बताया कि दीपावाली के दौरान पटाखों और फिर पराली जलने के साथ-साथ बढ़ते प्रदूषण की वजह से सांस के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. अमनप्रीत कौर ने बताया कि लुधियाना में सांस के मरीजों की संख्या में 20 से 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. हालांकि, उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल में इसके लिए पर्याप्त इंतजाम भी किए गए हैं. लुधियाना में पिछले दो सप्ताह में ओपीडी में अस्थमा, छाती रोग, खांसी और एलर्जी के मरीजों की संख्या में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.



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अमृतसर में 'खराब' श्रेणी में 248 रिकॉर्ड हुआ वायु गुणवत्ता सूचकांक
इस बीच पंजाब में पराली जलाने के मामले थम नहीं रहे हैं. अब संगरूर जिले में पराली जलाने का मामला सामने आया है. यहां किसानों ने अपने खेतों में पराली जलाई है. आपको बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार शनिवार की सुबह पंजाब के अमृतसर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 'खराब' श्रेणी में 248 रिकॉर्ड हुआ है. वहीं लुधियाना में 'खराब' श्रेणी में 257 दर्ज किया गया है. इसके अलावा बठिंडा में भी एक्यूआई 'खराब' श्रेणी में 275 दर्ज हुआ है. पटियाला में एक्यूआई 191, जालंधर में एक्यूआई 185,रूपनगर में एक्यूआई 116 दर्ज हुआ है, जो 'मध्यम' श्रेणी में है.