Amritsar Farmers Protest: अमृतसर में भारती किसान यूनियन (सिद्धूपुर) की अगुवाई में किसानों के एक समूह के प्रदर्शन के कारण बुधवार को यहां लोग घंटों यातायात जाम में फंसे रहे. किसान राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए अधिग्रहीत जमीन के लिए अधिक मुआवजा देने, खराब मौसम के कारण फसल को हुए नुकसान के लिए मुआवजा तथा कुछ किसानों के खिलाफ दर्ज मामले रद्द करने की मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.


पर्यटकों को भी हुई काफी परेशानी 


पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुराने शहर को अमृतसर के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाले अहम भंडारी पुल को बाधित कर लिया। इसके कारण बुधवार शाम को तीन किलोमीटर लंबा जाम लग गया और यात्री घंटों फंसे रहे. शहर में मेट्रो बस सेवा पर भी खराब असर पड़ा. अटारी-वाघा बार्डर तथा स्वर्ण मंदिर देखने आए पर्यटकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. पटियाला जिले में एक अन्य प्रदर्शन में किसानों ने चंडीगढ-बठिंडा राजमार्ग पर एक टोल प्लाजा को अवरुद्ध कर दिया.


इन सड़कों पर लगाया जाम


अमृतसर के भंडारी पुल पर धरने के दौरान जिला प्रशासन के साथ नरमी बरत रहे किसानों ने बुधवार शाम को पुल पर चक्का जाम कर दिया, जिसके कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया. पहले किसानों ने संगड़ को ध्यान में रखते हुए कुछ रास्ते खोले थे लेकिन जैसे ही प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल ने संबोधित करना शुरू किया किसानों ने क्रिस्टल चौक किनारे, हॉल गेट, रामबाग, रेलवे स्टेशन और एलिवेटेड रोड को जाम कर रोक दिया. इसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारी जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ बैठक की.  


आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मिले मुआवजा


भारतीय किसान यूनियन  (सिद्धूपुर) के अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि वे स्वर्ण मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं और शहर के लोगों को परेशान नहीं करना चाहते हैं. प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने के अलावा कीटों के हमलों में कपास और गेहूं को नुकसान उठाने वाले उत्पादकों को राहत दे और उन ग्रामीणों के लिए अनुदान बढ़ाए जिनकी जमीनें राजमार्ग परियोजनाओं के लिए अधिग्रहण किया जा रहा था.  


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