Punjab News: एसवाईएल नहर विवाद सुलझाने के लिए पंजाब-हरियाणा के सीएम करेंगे बैठक, 14 अक्टूबर को मीटिंग
पंजाब रावी-ब्यास नदी के पानी की मात्रा के पुनर्मूल्यांकन की मांग कर रहा है, जबकि हरियाणा एसवाईएल नहर को पूरा करने की मांग कर रहा है ताकि उसे नदी के पानी का 35 लाख एकड़ फुट का अपना हिस्सा मिल सके.
![Punjab News: एसवाईएल नहर विवाद सुलझाने के लिए पंजाब-हरियाणा के सीएम करेंगे बैठक, 14 अक्टूबर को मीटिंग Punjab and Haryana chief ministers to meet on October 14 to resolve SYL canal dispute Punjab News: एसवाईएल नहर विवाद सुलझाने के लिए पंजाब-हरियाणा के सीएम करेंगे बैठक, 14 अक्टूबर को मीटिंग](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/11/4b59021790da7cc5206a420d87825fb71665487986460371_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Punjab News: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के उनके समकक्ष भगवंत मान 14 अक्टूबर को सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने हाल में दोनों मुख्यमंत्रियों से कहा था कि वे आपस में चर्चा कर मामले का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने की कोशिश करें.
वहीं मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से इस मुद्दे को सुलझाने का कोई रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे.’’ उन्होंने पिछले महीने कहा था कि एसवाईएल का पानी हरियाणा के लिए महत्वपूर्ण है. खट्टर ने कहा था, ‘‘एक तरफ हमें यह पानी नहीं मिल रहा है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली हमसे और पानी की मांग कर रही है. इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने के लिए समयसीमा तय करना बहुत जरूरी हो गया है.’’
विवाद सुलझाने में सहयोग नहीं कर रही पंजाब सरकार
पंजाब में विपक्षी दलों ने हाल में मान से कहा था कि वह राज्य की भलाई के लिए इस मुद्दे पर मजबूती से खड़े रहें. एसवाईएल नहर से जल बंटवारा कई दशकों से दोनों राज्यों के बीच विवाद का विषय रहा है. पंजाब रावी-ब्यास नदी के पानी की मात्रा के पुनर्मूल्यांकन की मांग कर रहा है, जबकि हरियाणा एसवाईएल नहर को पूरा करने की मांग कर रहा है ताकि उसे नदी के पानी का 35 लाख एकड़ फुट का अपना हिस्सा मिल सके. बता दें कि केंद्र ने 6 सितंबर को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि पंजाब सरकार विवाद को सुलझाने में सहयोग नहीं कर रही है.
पुरानी है लड़ाई
पंजाब और हरियाणा के बीच ये मुद्दा नया नहीं है. एक नवंबर 1966 को हरियाणा के अस्तित्व में आने से लेकर ये अब तक 14 बार यह राजनीतिक मुद्दा बना है, लेकिन आज तक दोनों इस पर उलझते ही रहे हैं. 1966 से पहले हरियाणा, पंजाब का हिस्सा होता था. 1966 में हरियाणा बना तो प्रदेश में सिंचाई के पानी की कमी थी. इसको दूर करने के लिए केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से 31 दिसंबर 1981 को पंजाब और हरियाणा के बीच जल समझौता हुआ था.
यह भी पढ़ें:
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)