Bhiwani News: जन्म देने वाली मां तलाक के बाद पति से गोद ले सकती है अपनी बच्ची; हाई कोर्ट का अहम फैसला
Haryana News: कोर्ट ने कहा कि अर्जी इस आधार पर खारिज नहीं की जा सकती कि मां का दोहरा दर्जा नहीं हो सकता. पीठ ने कहा कि मौजूदा केस में सभी संबंधित दस्तावेज पेश किए गए हैं.
Punjab And Haryana High Court: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. जन्म देने वाली मां, गोद लेने वाली मां भी हो सकती है. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मामले में अहम फैसला देते हुए कहा कि पति से तलाक के बाद मां पहले पति से हुई अपनी ही बेटी को गोद ले सकती है. जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस अशोक कुमार वर्मा की बैंच ने कहा कि अगर पहला पति बच्ची को गोद देने को सहमत है तो पूर्व पत्नी दूसरे पति के साथ उस बच्ची को गोद ले सकती है. पीठ ने 2021 में भिवानी फैमिली कोर्ट के मां की याचिका खारिज करने वाले फैसले को रद्द कर दिया. हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जन्म देने वाली मां अपने ही बच्चे को गोद ले सकती है.
अकेला पुरुष लड़की गोद नहीं ले सकता
कोर्ट ने कहा कि अर्जी इस आधार पर खारिज नहीं की जा सकती कि मां का दोहरा दर्जा नहीं हो सकता. पीठ ने कहा कि मौजूदा केस में सभी संबंधित दस्तावेज पेश किए गए हैं. ऐसे में अर्जी को ड्यूल स्टेटस के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता था. ऐसे में भिवानी कोर्ट का फैसला रद्द किया जाता है. बच्चे को गोद लेने के नियमों में अकेला पुरुष लड़की गोद नहीं ले सकता. जरूरी है कि दंपती लड़की को गोद लेने को आवेदन दे. हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में पति-पत्नी ने ही लड़की को गोद लेने की मांग की है.
पहला पति बच्ची को गोद देने को तैयार था
दरअसल महिला ने याचिका में कहा कि पहली शादी से 2012 में उसे लड़की हुई. 2016 में उसने तलाक लेकर 2017 में दूसरी शादी कर ली. इसके बाद महिला ने भिवानी कोर्ट में पहले पति से हुई बच्ची गोद लेने की अर्जी दी. महिला ने कहा कि बच्ची उसके साथ रहना चाहती है और उसके पिता गोद देने को तैयार हैं. ऐसे में अर्जी मंजूर की जाए. फैमिली कोर्ट ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि मां का दोहरा दर्जा नहीं हो सकता. अगर सौतेले माता-पिता भी अर्जी दायर करते तो भी इसे मंजूर नहीं किया जा सकता. जन्म देने वाली मां, गोद लेने वाली मां नहीं हो सकती. महिला ने हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती दी थी.