Chandigarh News: अपने खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने की सुनवाई, सुना दिया यह फैसला, जानें पूरा मामला
Punjab News: जजों के खिलाफ आई शिकायतों और उनके स्टेटस की जानकारी का आदेश देने वाले केंद्रीय सूचना आयोग और सूचना मांगने वाले याची से जवाब भी मांग लिया.
Punjab-Haryana High Court: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश के खिलाफ स्वंय याचिका दायर की और उस पर खुद जज बनकर सुनवाई करते हुए स्वंय को राहत दे दी. दरअसल जजों के खिलाफ आई शिकायतों और उनके स्टेटस की जानकारी का आदेश देने वाले केंद्रीय सूचना आयोग और सूचना मांगने वाले याची से जवाब भी मांग लिया.
दरअसल नारनौल जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मनीष वशिष्ठ ने अगस्त 2019 में पंजाब हरियाणा हाईकेर्ट में आरटीआई लगाई थी. वशिष्ठ ने निचली अदलतों के जजों और हाईकोर्ट के जजों की शिकायत और उनपर कार्रवाई की मांग की थी. हाईकोर्ट के मान करने पर उन्होंने केंद्रीय सूचना आयोग में अपील कर दी. वहीं आयोग के सामने हाईकोर्ट ने अपनी दलील दी.
जिला अदालतों के जजों की शिकायत व्यक्तिगत है
कोर्ट ने कहा कि लंबे समय तक जिला अदालतों के जजों की शिकायत का रिकॉर्ड नहीं रखा जा सकता है. साथ ही जजों के बारे में मांगी सूचना सार्वजनिक नहीं व्यक्तिगत है. जिस कारण इसे सूचना के अधिकार के तहत नहीं दिया जा सकता है. जवाब से सहमत न होने पर आयोग ने हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ शिकायत और उसके स्टेटस की जानकारी मांगी.
हाईकोर्ट ने आयोग को भेजी नोटिस
आयोग के आदेश आने के बाद हाईकोर्ट ने अपने ज्वाइंट रजिस्ट्रार से याचिका दायक करवाई और उसपर सुनवाई शुरू कर दी. इस याचिका में कहा गया है कि सूचना आयोग अपने अदिकार क्षेत्र से बाहर जाकर जानकारी मांगी है. इसलिए कोर्ट इसपर रोक लगाए. जस्टिस महावीर सिंह संधू ने सुनवाई करते हुए आयोग के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए आयोग व सूचना मांगने वाली याची को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया.