Punjab And Haryana High Court: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति से जुड़े एक मामले में अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा है कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है, जिससे पंजाब के लोग चिंतित हैं. एबीपी सांझा के मुताबिक हाईकोर्ट ने कहा है कि हाल ही में कुछ लोगों, संघों, समूहों की ओर से कानून को अपने हाथ में लेने की घटनाओं में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है. दूसरी तरफ राज्य के अधिकारी (सरकार और पुलिस प्रशासन) मूक दर्शक बने हुए हैं. कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार का कर्तव्य है न कि नागरिकों में भय का माहौल पैदा करना.


मामले में पेश दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस विक्रम अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा कि मामला वाकई गंभीर है. इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया है कि यदि आवश्यक हो तो याचिकाकर्ता के जीवन, संपत्ति और स्वतंत्रता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां कोई अप्रिय घटना न हो. इस मामले में याचिकाकर्ता 70 साल के हरभजन सिंह और 71 साल के सतिंदर कौर हैं. वह मेसर्स चतर सिंह जीवन सिंह पब्लिशिंग हाउस के पार्टनर हैं. अमृतसर में श्री हरमंदिर साहिब के पास मंडी में उनका कारोबार है. मामले में प्रदर्शनकारी याची पक्ष की इस काफी पुरानी दुकान के बाहर धरने पर बैठे थे.


हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस


याचिकाकर्ताओं के मुताबिक उनका पब्लिशिंग हाउस सिख धार्मिक किताबों का काफी पुराना पब्लिशिंग हाउस है. उन पर भी फायरिंग की गई और पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की. हाईकोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है. साथ ही कहा है कि इस दौरान पंजाब सरकार और डीजीपी यह सुनिश्चित करेंगे कि जिम्मेदार निजी पार्टियों की कथित हरकतों से कोई अप्रिय घटना न हो. कोर्ट ने कहा कि जरूरत पड़ने पर डीजीपी स्थिति का जायजा ले सकते हैं और मामले की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर सकते हैं. दूसरी ओर, यदि आवश्यक हो तो याचिकाकर्ता को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए.


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