Haryana: हाईकोर्ट ने बेटी से रेप मामले में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला, सिरसा में दर्ज हुआ था पिता पर केस
Sirsa Rape Case: हरियाणा में साल 2022 में सिरसा की एक फास्ट-ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) ने दुष्कर्म के इस मामले को 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' बताते हुए आरोपी पिता को मौत की सजा सुनाई थी.
Punjab And Haryana High Court: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab And Haryana HC) ने अपनी नाबालिग बेटी से रेप के दोषी एक व्यक्ति की मौत की सजा को कम कर दिया है. अदालत ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है. हालांकि कोर्ट ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि जीवन को खत्म करने की गंभीरता को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. साल 2022 में सिरसा की एक फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने इसे "दुर्लभ से दुर्लभतम" (रेयरेस्ट ऑफ रेयर) मामला बताते हुए मौत की सजा सुनाई थी.
हरियाणा का ये मामला 53 साल के एक शख्स से संबंधित है, जिस पर सिरसा महिला पुलिस स्टेशन (Sirsa Women Police Station) में मामला दर्ज किया गया था. पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक दोषी शख्स अपनी पत्नी के साथ मारपीट करता था और अपनी 12 साल की नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया.
कोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला
टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक बेटी से दुष्कर्म मामले में अपील पर सुनवाई करते हुए, जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस लपीता बनर्जी की हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ये माना कि दोषी शख्स का पहले से कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. कोर्ट ने कहा, "हमारा विचार है कि अपीलकर्ता पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत दूसरे विकल्प के तहत दी की गई सजा का हकदार होगा, जो उसके बाकी जीवन के लिए आजीवन कारावास तक बढ़ जाएगा."
अपराध की भयावह प्रकृति पर कोर्ट का जोर
हालांकि कोर्ट ने अपराध की भयावह प्रकृति पर जोर दिया और केवल इसलिए सहानुभूति दिखाने से इनकार कर दिया क्योंकि दोषी शख्स के अन्य बच्चे हैं. दोषी शख्स के बच्चों में से एक को उसके भाई को गोद लेने के लिए दे दिया गया था. ट्रायल कोर्ट ने पीड़िता और उसकी मां के साथ अन्याय का हवाला देते हुए मौत की सजा की मांग की थी. दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए हाईकोर्ट ने दोषी के पक्ष में किसी भी विश्वसनीय सबूत की कमी पर जोर दिया और पोक्सो अधिनियम की धारा 29 के प्रावधानों को बरकरार रखा.
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाई थी मौत की सजा
हरियाणा के दुष्कर्म का ये मामला साल 2020 का है. नवंबर 2022 में पॉक्सो एक्ट (Pocso Act) के तहत सिरसा फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) ने एक पिता को अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में फांसी की सजा सुनाई थी. अदालत ने दोषी पिता को सजा सुनाते हुए कहा था कि जब कोई बेटी अपने पिता के साथ ही सुरक्षित नहीं है तो उसकी सुरक्षा कोई नहीं कर सकता है.
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