Waris Punjab De: अमृतपाल सिंह के साथी दलजीत कलसी को HC से झटका, जानें- याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने क्या कहा?
Daljeet Kalsi News: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अमृतपाल सिंह के साथी सरबजीत उर्फ दलजीत कलसी की याचिका को खारिज कर दिया है. फिलहाल अमृतपाल सिंह और उसके साथी डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं.
Punjab News: वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De) का प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) और उसके साथ असम (Assam) की डिब्रूगढ़ जेल (Dibrugarh Jail) में बंद हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत अमृतपाल और उसके साथियों की गिरफ्तारी हुई है. डिब्रूगढ़ जेल में बंद सरबजीत उर्फ दलजीत कलसी ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि उन्हें बिना किसी मुकदमे के 8 महीने से एमएसए के तहत हिरासत में रखा गया है, जबकि अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा का प्रावधान है. उन्हें भी इस अनुच्छेद का लाभ मिलना चाहिए. इसको लेकर कोर्ट ने कलसी की याचिका को खारिज कर दिया है.
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से सरबजीत उर्फ दलजीत कलसी की याचिका को खारिज करते हुए कहा गया है कि हर किसी को जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा का संवैधानिक अधिकार है. लेकिन. इसके लिए प्रदेश की कानून-व्यवस्था को दांव पर नहीं रखा जा सकता है. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कलसी की याचिका को सिरे से खारिज कर दिया.
अनजाला हिंसा को लेकर दर्ज हुई थी एफआईआर
बता दें कि अमृतपाल सिंह और सरबजीत उर्फ दलजीत कलसी के खिलाफ अजनाला पुलिस थाने पर 23 फरवरी को हुए हमले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून उनको हिरासत में लेकर डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया था. लेकिन, अभी तक इस मामले को लेकर न ही तो गिरफ्तारी दिखाई गई है और न ही कोर्ट के सामने ट्रायल पेश किया गया है. इसको लेकर कलसी की तरफ से याचिका लगाई गई थी.
याचिका में कहा गया था कि उन्हें कोर्ट के सामने पेश किया जाए, ताकि तेजी से ट्रायल पूरा किया जा सके. क्योंकि, उन्हें भी संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा है. वहीं पंजाब पुलिस की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि कलसी को अनुच्छेद 21 का लाभ नहीं दिया, जिससे कि प्रदेश की कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब हो. पंजाब सरकार की तरफ से कहा गया कि आरोपी के खिलाफ कई संगीन आरोप है, उसे अभी फिलहाल कोर्ट में पेश नहीं किया जा सकता. इन तमाम पक्षों को सुनने के बाद कलसी की याचिका को खारिज कर दिया गया.
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