(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gurmeet Ram Rahim Case: गुरमीत राम रहीम की सजा के बाद हुई हिंसा के लिए कोर्ट ने हरियाणा व पंजाब को किया तलब
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की सजा के बाद हुई हिंसा से हुए नुकसान के लिए पंजाब और हरियाणा राज्यों को जिलेवार रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़की थी जिससे काफी नुकसान हुआ था. अब इस हिंसा के करीब पांच साल बाद पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा राज्यों को उन जिलों की सूची जमा करने को कहा जहां पर हिंसा से हुए नुकसान का दावा किया है. अदालत ने दोनों राज्यों से संभावित सदस्यों के नाम सहित दावों की रिपोर्ट कोर्ट में जमा करने के लिए कहा है.
पंचकूला निवासी-सह-अधिवक्ता रविंदर ढुल द्वारा जनहित में दायर याचिका पर तीन जजों की बेंच जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस तेजिंदर सिंह ढींडसा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मुद्दे पर दलीलें सुन रहे थे. इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता और एमिकस क्यूरी अनुपम गुप्ता ने 2017 में हिंसा और नुकसान की घटनाओं का जिक्र किया. इस केस की सुनवाई के समय अनुपम गुप्ता की राय थी कि क्लेम ट्रिब्यूनल नुकसान की मात्रा निर्धारित कर सकता है, लेकिन अदालत द्वारा दायित्व तय करने की आवश्यकता थी.
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इसके साथ ही गुप्ता ने तर्क दिया कि ये संवैधानिक प्रश्न थे और हाई कोर्ट के अधीनस्थ एक न्यायिक अधिकारी इन मामलों को नहीं संभाल सकता क्योंकि वे इस उद्देश्य के लिए प्रशिक्षित नहीं थे. वहीं इस मामले की सुनवाई के दौरान कनिका आहूजा के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद घई ने डेरा की ओर से कहा कि उन्हें इस मामले में क्लेम ट्रिब्यूनल की स्थापना पर कोई आपत्ति नहीं है. इस मामले में अब आगे की सुनवाई 1 जून को होगी, बताते चलें कि हरियाणा का प्रतिनिधित्व अतिरिक्त महाधिवक्ता पवन गिरधर ने किया.