चंडीगढ़: चुनावों के ऐलान के बाद आज अकाली नेता बिक्रम मजीठिया के केस पर पंजाब की निगाहें लगी हैं. पंजाब के ड्रग्स मामले में आरोपी अकाली नेता बिक्रम मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका पर आज पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. इस मामले पर पिछली सुनवाई 5 जनवरी को हुई थी. पिछली सुनवाई में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था. मजीठिया के वकील ने दावा किया कि राजनीति के तहत उनसे बदला लिया जा रहा है. वकील ने राज्य में चुनाव में फायदा उठाने की कोशिश का आरोप भी लगाया. 


वहीं पंजाब सरकार ने कहा कि केस तथ्यों के आधार पर दर्ज किया गया है और मजीठिया से पूछताछ के लिए गिरफ्तारी को जरूरी बताया. मोहाली कोर्ट ने मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद मजीठिया ने  हाईकोर्ट में अपील की है. जब से मजीठिया के खिलाफ NDPS एक्ट में केस दर्ज हुआ है, उसके बाद से ही अंडरग्राउंड चल रहे हैं. 


बिक्रम सिंह मजीठिया कौन हैं?
मजीठिया अकाली दल के नेता और पंजाब सरकार के पूर्व मंत्री हैं, वो लगातार 3 बार से विधायक चुने जा रहे हैं. अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के रिश्तेदार हैं. अकाली सरकार में कई विभागों के मंत्री रह चुके हैं. ड्रग्स केस में उनके खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है और लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया जा चुका है.


जिस ड्रग्स मामले में मजीठिया फंसे हैं वो मामला क्या है? 
पंजाब में 2013 में ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ था , 6000 करोड़ रुपए के ड्रग्स रैकेट का खुलासा हुआ था. अनूप सिंह काहलों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पूछताछ में एक आरोपी ने मजीठिया का नाम लिया था. ड्रग्स माफिया से मजीठिया के रिश्तों का आरोप भी लगा. मई 2018 में STF ने हाईकोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट पेश की. उस दौरान मजीठिया से पूछताछ हुई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब मजीठिया के खिलाफ NDPS एक्ट में मामला दर्ज हुआ है.  


चुनावी समर में कांग्रेस के निशाने पर मजीठिया
नवजोत सिंह सिद्धू तो पहले से ही इस मुद्दे को उछालते आए हैं. चुनाव से पहले वो इस मुद्दे को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठा रहे हैं...और यही वजह है कि पंजाब चुनाव से पहले ये एक बड़ा मुद्दा बन गया है. आज इसे लेकर क्या फैसला आता है, उस पर सबकी नजर होगी.


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