पंजाब में विधानसभा चुनाव की तारीखें आगे बढ़ाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है. कई राजनीतिक दलों ने रविदास जयंती को देखते हुए चुनाव आयोग से चुनाव की तारीखें आगे बढ़ाने की अपील की है. यह मांग करने वालों में सत्ताधारी कांग्रेस के साथ-साथ बसपा, बीजेपी, सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) और पंजाब लोक कांग्रेस आदि शामिल हैं. पंजाब में एक चरण में 14 फरवरी को मतदान होना है. गुरु रविदास की जयंती 16 फरवरी को है. राजनीतिक दलों की इस मांग पर अभी चुनाव आयोग की ओर से कोई बयान नहीं आया है. चुनाव की तारीखें बढ़ाने पर फैसला चुनाव आयोग को ही लेना है.


पंजाब चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की मांग सबसे पहले किसने की


बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की पंजाब इकाई के प्रमुख जसवीर सिंह गढ़ी ने गुरु रविदास जयंती को देखते हुए सबसे पहले वोटिंग की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की थी. इसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने 13 जनवरी को चुनाव आयोग को पत्र लिखा. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा को लिखे पत्र में चन्नी ने कहा है कि अनुसूचित जाति समुदाय के कुछ प्रतिनिधियों ने उनके संज्ञान में यह लाया गया है कि गुरु रविदास जयंती 16 फरवरी को पड़ रही है. इस अवसर पर राज्य से बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति के श्रद्धालुओं (करीब 20 लाख) के 10 से 16 फरवरी के बीच उत्तर प्रदेश के बनारस जाने की संभावना है. चन्नी ने लिखा कि यह उचित होगा कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मतदान कम से कम छह दिनों के लिए स्थगित कर दिया जाए ताकि लगभग 20 लाख लोग राज्य विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें. उन्होंने बताया कि राज्य की आबादी का करीब 32 फीसद अनुसूचित जाति की है.   


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पंजाब के सभी दल कर रहे हैं मांग


शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के प्रमुख सुखदेव सिंह ढींडसा ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मतदान की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की है. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी ने भी इस मांग का समर्थन किया है. पंजाब लोक कांग्रेस के महासचिव कमल सैनी ने इसको लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. वहीं बीजेपी के प्रदेश महासचिव सुभाष शर्मा ने भी मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर चुनाव की तारीखें आगे बढ़ाने की मांग की है. शर्मा ने कहा है कि राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय सहित गुरु रविदास जी के अनुयायियों की अच्छी खासी आबादी है, जो पंजाब की आबादी का लगभग 32 प्रतिशत है. उन्होंने लिखा है कि इस पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के बनारस में गुरुपर्व मनाने के लिए जाएंगे. इस कारण से उनके लिए मतदान प्रक्रिया में भाग लेना संभव नहीं होगा. इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि मतदान की तिथि को आगे बढ़ाया जाए ताकि पंजाब के ये मतदाता चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकें.


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चुनाव आयोग को लेना है फैसला


इस तरह से देखें तो पंजाब चुनाव में सक्रिय करीब सभी पार्टियां गुरु रविदास जयंती को देखते हुए पंजाब चुनाव की तारीख बढाने की मांग चुनाव आयोग से कर चुकी है. गुरु रविदास जयंती पर बनारस जाने वालों की संख्या को देखते हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में मतदान की तारीख बढ़ाने की मांग की जा रही है. अब इस पर फैसला चुनाव आयोग को लेना है. लेकिन इस मांग पर अभी चुनाव आयोग की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. अगर चुनाव आयोग चुनाव की तारीखें आगे बढ़ाता है तो उसे इसके लिए लंबी कवायद करनी पड़ेगी. पंजाब की 117 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को एक चरण में मतदान होना है और मतगणना 10 मार्च को कराई जाएगी.