पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी में कई नेता मंगलवार को शामिल हुए. इनमें एक पूर्व सांसद और 4 पूर्व विधायक शामिल हैं. कैप्टन अमरिंदर ने कांग्रेस से बगावत कर पंजाब लोक कांग्रेस के नाम से अपनी नई पार्टी बनाई है. इस मुहिम में कैप्टन को अपनी पत्नी परनीत कौर का साथ मिला है. वो पटियाला से कांग्रेस की सांसद हैं. इसे लेकर कांग्रेस ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. माना जा रहा है कि परनीत जल्द ही कांग्रेस से अपना रिश्ता तोड़ सकती हैं.
कैप्टन के पुराने करीबी
कैप्टन अमरिंदर ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, ''कई प्रमुख पंजाबियों को आज पंजाब लोक कांग्रेस में स्वागत करते हुए बहुत खुशी हो रही है.'' पंजाब लोक कांग्रेस में शामिल होने वालों में पूर्व सांसद अमरीक सिंह अलीवाल, पूर्व विधायक हरजिंदर सिंह ठेकेदार, प्रेम मित्तल, फरजाना आलम और रजविंदर कौर भागकी के नाम प्रमुख हैं. इनके अलावा कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष जगमोहन शर्मा और सतवीर सिंह पाली झिक्की और पंजाब मंडी बोर्ड के विजय कालरा ने भी पंजाब लोक कांग्रेस की सदस्यता ली. सम्मुख सिंह मोखा, अनुप सिंह भुल्लर, संजीव बिट्टू मेयर, अश्वनी कुमार, नितिन शर्मा बाटला और राजदीप कौर भी अमरिंदर सिंह की पार्टी में शामिल हुए.
अमरीक सिंह अलीवाल लुधियान से दो बार कांग्रेस के टिकट पर सांसद रह चुके हैं. वहीं हरजिंदर सिंह ठेकेदार 2002 में अमृतसर दक्षिण सीट से विधायक चुने गए थे. लेकिन पार्टी ने 2012 और 2017 में उन्हें टिकट नहीं दिया था. वहीं प्रेम मित्तल, फरजाना आलम और रजविंदर कौर भागिके शिरोमणि अकाली दल की पूर्व विधायक हैं. संजीव शर्मा बिट्टू पटियाला के मेयर हैं. जिनकी कुर्सी अदालत के आदेश पर बची है.
पंजाब लोक कांग्रेस में शामिल होने वाले ये नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के पुराने वफादार हैं. अमरिंदर सिंह ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. बीजेपी और पंजाब लोक कांग्रेस ने सीट शेयरिंग को लेकर लगभग सहमति बन चुकी है. लेकिन इसका ऐलान अभी नहीं हुआ है. कैप्टन दिल्ली जाकर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे. इसके बाद इस समझौते का औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा.
किन नेताओं पर है कैप्टन अमरिंदर सिंह की नजर
अमरिंदर सिंह की नजर हर विधानसभा क्षेत्र के किसान नेताओं पर है, खासकर वो नेता जो किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे. उनकी कोशिश इन नेताओं को अपनी पार्टी से जोड़ने की है. ऐसे नेताओं को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. इस तरह अमरिंदर की कोशिश किसानों का भी साथ दिखाने की है. इसके अलावा कैप्टन की नजर कांग्रेस के बागियों पर भी है. माना जा रहा है कि कांग्रेस अपने 20 से अधिक विधायकों का टिकट काट सकती है. टिकट न मिलने पर ये विधायक दूसरे दलों का दरवाजा खटखटाएंगे.
पंजाब की 117 सदस्यों वाली पंजाब विधानसभा के चुनाव अगले साल कराए जाएंगे. चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग की एक टीम बुधवार को राज्य के दौरे पर जाएगी.