पंजाब में कांग्रेस को जोरदार झटका लगा है. उसके दो विधायकों ने मंगलवार को बीजेपी का दामन थाम लिया. बीजेपी में शामिल होने वाले विधायकों के नाम फतेह सिंह बाजवा और बलविंदर सिंह लाडी है. फतेह सिंह बाजवा कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा के भाई हैं.
फतेह सिंह बाजवा कादियां सीट से कांग्रेस के विधायक हैं. उनके बीजेपी में शामिल होने को दोनों भाइयों की जंग के रूप में देखा जा रहा है. प्रताप सिंह बाजवा ने कुछ दिनों पहले घोषणा की थी वो कादियां सीट से 2022 का चुनाव लड़ेंगे. फतेह सिंह बाजवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के भी करीबी रहे हैं.
नवजोत सिंह सिद्धू ने की थी घोषणा
वहीं 3 दिन पहले ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने घोषणा की थी कि कादियां से फतेह सिंह कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे. सिद्धू ने यह घोषणा फतेह सिंह के समर्थन में कादियां में आयोजित एक रैली मं की थी. रैली में सिद्धू ने फतेह सिंह की जमकर तारीफ की थी. प्रताप बाजवा ने सिद्धू की रैली से दूरी बना ली थी.
बीजेपी की राजनीति
कृषि कानूनों की वापसी के बाद बीजेपी पंजाब की राजनीति में नए तरीके से छाने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में दूसरे दलों के नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया जा रहा है. कृषि कानूनों की वापसी से पहले बीजेपी का पंजाब में काफी विरोध हो रहा था. यहां तक कि किसान आंदोलन के समर्थक बीजेपी नेताओं को चुनाव प्रचार तक नहीं करने दे रहे थे. बीजेपी को उम्मीद है कि कृषि कानूनों की वापसी के बाद हालात उसके पक्ष में होंगे. कृषि कानूनों के विरोध में बीजेपी के दशकों पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने उससे अपना संबंध तोड़ लिया था.
पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने कांग्रेस से बगावत करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की लोक कांग्रेस पार्टी से गठबंधन किया है. इस गठबंधन में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढिंढसा की पार्टी भी शामिल है. बीजेपी ईस गठबंधन में सीनियर पार्टनर की भूमिका में है. वह दूसरे दलों के अनुभवी नेताओं के सहारे अपनी शक्ति बढा रही है.