Punjab: पंजाब में प्ले स्कूल के लिए गाइडलाइन जारी, बच्चों के स्क्रीनिंग टेस्ट सहित जंक फूड पर लगी पाबंदी
Punjab Play School Guidelines: चंडीगढ़ में मंत्री बलजीत कौर ने पेरेंट्स से अपील की कि वह बच्चों का स्कूलों में दाखिला करवाने से पहले यह चेक कर लें कि वह स्कूल रजिस्ट्रर्ड है या नहीं है.
Punjab Play School News: पंजाब की भगवंत मान सरकार ने प्ले स्कूलों के लिए नई पॉलिसी लागू की है. प्ले स्कूलों की बिल्डिंग से लेकर टीचर्स तक के लिए गाइडलाइन तय की गई है, जिसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी. महिला और बाल विकास मंत्री डॉक्टर बलजीत कौर ने कहा, स्कूलों में एडमिशन के लिए बच्चे का कोई स्क्रीनिंग टेस्ट या पेरेंट्स इंटरव्यू नहीं होगा. इन स्कूलों में जंक फूड पूरी तरह से बंद रहेगा, साथ ही घर से भी टिफिन में जंक फूड नहीं आ सकता है.
चंडीगढ़ में मंत्री बलजीत कौर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेरेंट्स से अपील की कि वह बच्चों को स्कूलों में दाखिल करवाने से पहले यह चेक कर लें कि स्कूल रजिस्ट्रर्ड है या नहीं है. उन्होंने कहा, इसकी जानकारी सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा, बच्चों की सेहत से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा. एक कमरे में चलने वाले प्ले स्कूल पूरी तरह बंद होंगे. पहले सरकार का कंट्रोल आंगनवाड़ी केंद्रों पर था, जबकि अब सारे प्ले सेंटर कवर किए जाएंगे.
3-6 साल तक के बच्चों के लिए पॉलिसी
- पंजाब में अब पेरेंट्स का इंटरव्यू और बच्चों की स्क्रीनिंग नहीं होगी.
- स्कूल ओवर क्राउडेड न हो.
- प्ले स्कूल में 20 से ज्यादा बच्चे नहीं होने चाहिए.
- स्कूल की बाउंड्री सुरक्षित होनी चाहिए.
- खेलने की जगह पर्याप्त होनी चाहिए.
- लड़के लड़कियों के अलग-अलग टॉयलेट होने चाहिए.
- सभी प्ले स्कूल रजिस्टर्ड होने चाहिए.
- क्लास रूम में सीसीटीवी कैमरे और फायर अक्यूपमेंट होने चाहिए.
- सभी प्ले स्कूल को प्रशासन के पास रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.
- प्ले स्कूल में एक टीचर 20 से अधिक बच्चों को अटेंड नहीं करेगा.
- केयरटेकर भी पर्याप्त संख्या में होने चाहिए.
- बिल्डिंग पूरी तरह सुरक्षित होनी चाहिए.
- बच्चो को नींद आने पर आराम करने के लिए अलग से रेस्ट रूम होना चाहिए.
- स्कूल में बच्चों को पैरेंट्स जंकफूड न दें, न ही स्कूल के नजदीक किसी दुकान से बच्चे ले सके.
- प्ले स्कूल में बच्चों को आडियो-वीडियो माध्यम से सिखाया जाए, बच्चों पर किसी भी तरह से मानसिक बोझ नहीं पड़ना चाहिए.
- हर महीने बच्चों की स्वस्थ जांच होनी चाहिए, स्वास्थ्य जांच का स्कूल रिकॉर्ड भी रखेगा.
- प्ले स्कूल बच्चों से डोनेशन नहीं ले सकता, स्कूल में फीस भी निर्धारित करनी होगी.