SYL Canal Issue: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) की खुली बहस की चुनौती ने बाद विपक्षी दलों से जुबानी जंग लगातार देखने को मिल रही है. विपक्षी दल सीएम मान को घेरने में लगे हैं. इस कड़ी में बीजेपी (BJP) प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने सीएम मान के बयान पर पलटवार किया है. सुनील जाखड़ की तरफ से बहस के लिए पैनल में पूर्व सांसद डॉ.धर्मवीर गांधी, पूर्व विधायक हरविंदर सिंह फुल्का, पूर्व विधायक कंवर संधू का नाम दिया गया था. इस पैनल को अनुमति न मिलने पर जाखड़ ने अब सीएम मान पर बहस से भागने का आरोप लगाया है.


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट लिखकर कहा, "पंजाब जवाब मांगता है. प्रिय महोदय! अब निमंत्रण देकर क्यों भाग रहे हो? यदि वे नहीं चलते तो फिर बहस के संचालन/निगरानी के लिए इन नामों (डॉ. धर्मवीर गांधी, एचएस फुल्का, कंवर संधू) पर आपत्ति क्यों?  यदि कोई आपत्ति न हो तो हां भर दें, उन्हें मनाकर लाना मेरी जिम्मेदारी है."



सीएम मान ने क्या कहा था?


सीएम भगवंत मान ने रविवार को चंडीगढ़ में कहा था कि पिछले सरकारों ने लोगों को खूब लूटा है. इसलिए वो 1 नंवबर को बहस में जरूर जाएंगे. खुद सुखबीर सिंह बादल, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, प्रताप सिंह बाजवा की कुर्सी लगाएंगे. इतना ही नहीं इन लोगों की कुर्सी के सामने मनपंसद खाना लगाएंगे. लेकिन फिर भी ये बहस में शामिल होने के लिए नहीं आएंगे क्योंकि ये डरते हैं. सीएम मान ने कहा था कि वो एसवाईएल पर चर्चा नहीं करेंगे. बल्कि चर्चा इस बात पर होगी कि 1965 के बाद पंजाब को लूटा किसने है. सीएम मान ने कहा लेकिन वो बहस में आएंगे नहीं क्योंकि उन्हें पता है वो आएंगे तो फंस जाएंगे. 


मुख्यमंत्री ने दी थी ये चुनौती


सीएम भगवंत मान ने एक्स पर पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था, "सुनील जाखड़, सुखबीर बादल, बाजवा, राजा वड़िंग, कोई थोड़ी बहुत शर्म नाम की चीज घर से लेकर चलते हो या नहीं? चांदी की कस्सी से टक लगाने वाली फोटो में कैप्टन के साथ बलराम जाखड़ भी खड़े हैं! देवीलाल ने हरियाणा विधानसभा में प्रकाश सिंह बादल की एसवाईएल के सर्वे करने की अनुमति देने की प्रशंसा की. सुखबीर सिंह गुड़गांव के ओबेरॉय होटल की फर्द लेकर आना."


मान ने पोस्ट में आगे लिखा था, "जहां तक पानी की बात है, तो उसकी चिंता मत करो, बचपन में भी मेरी ड्यूटी खेत की निगरानी के लिए लगती थी, कि खाल में कोई छेद न पड़ जाए. परमात्मा ने आज भी मेरी ड्यूटी खाल पर ही लगाई है, बस उस खाल का नाम 'सतलुज' है. 1 नवंबर को अपने पुरखों की ओर से कुर्सी के लिए किए गए कुर्सीनामे ज़रुर साथ लेकर आना, ताकि मेरे वतन पंजाब के लोगों को भी पता चले कि 'कुर्बानी' देने की बात कह कर कितनी बार उनकी कुर्बानी ली गई."


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