Punjab Budget 2023 Highlights: पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने शुक्रवार को राज्य के बजट भाषण में केंद्र पर निशाना साधा और राज्य की लंबे समय से लंबित जायज मांगों को अनसुना करने का आरोप लगाया. मंत्री ने राज्य को वित्तीय दलदल में छोड़ने के लिए पिछली राज्य सरकारों पर कटाक्ष किया. चीमा ने शुक्रवार को यहां राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 1.96 लाख करोड़ रुपये का राज्य का बजट पेश किया, जो मुख्य रूप से कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों पर केंद्रित था.
वैध मांगों को अनसुना कर रहा केंद्र
केंद्र पर निशाना साधते हुए चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार से बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद मुझे यह बताते हुए दुख हो रहा है कि केंद्र सरकार लंबे समय से लंबित राज्य की 9,035 करोड़ रुपये की वैध मांगों को अनसुना कर रही है. उदाहरण के लिए 15वें वित्त आयोग द्वारा डॉ. रमेश चंद की अध्यक्षता में गठित उप-समिति ने अपनी रिपोर्ट में 31,000 करोड़ रुपये के सावधि ऋण से संबंधित 6,155 करोड़ रुपये के दावों का विधिवत सत्यापन किया था, जिसे राज्य को भुगतान नहीं किया गया.
चीमा ने पिछली सरकारों को ठहराया दोषी
उन्होंने कहा कि इसके अलावा ग्रामीण विकास निधि से संबंधित 2,880 करोड़ रुपये खरीदे गए अनाज पर एमएसपी के 3 प्रतिशत पर लगाए जा रहे हैं, इसे पहले एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) की ओर से लौटाया जाता था, उसे भी केंद्र से जारी नहीं किया गया है. अपने भाषण के दौरान, राज्य के वित्त मंत्री ने कहा कि इस महीने एक वर्ष पूरा कर रही आप के नेतृत्व वाली सरकार स्वच्छ, प्रभावी और कुशल शासन प्रदान करने के लिए काम कर रही है. उन्होंने राज्य को वित्तीय संकट में छोड़ने के पिछली सरकारों पर निशाना साधा.
राज्य के खजाने पर वित्तीय प्रभाव का जिक्र
मंत्री ने दावा किया कि केंद्र की ओर से पैदा की जा रही कठिनाइयों और पूर्ववर्तियों द्वारा छोड़े गए वित्तीय दलदल की विरासत के बावजूद आप के नेतृत्व वाली सरकार अपने कार्यक्रमों और नीतियों के माध्यम से आम पंजाबियों को अच्छी तरह से योग्य वित्तीय राहत प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. चीमा ने कहा कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में पिछली सरकार ने देरी की थी, उसका प्रभाव हमारी सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सहन किया है. “हमारी सरकार ने अक्टूबर 2022 से 6 प्रतिशत डीए (महंगाई भत्ता) जारी करके, यूजीसी वेतनमान और दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग को लागू करके हमारे अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनरों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई, जबकि ये पिछली सरकार की ओर से भुगतान किए जाने थे. उन्होंने कहा कि इनके कारण राज्य के खजाने पर 1,150 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रभाव पड़ा है.
ज्यादा ब्याज वाले कर्ज पहले चुकाने के लिए केंद्र से पहले बात करेगी सरकार
इसके अलावा, लंबित देनदारियों को दूर करने और जमीनी स्तर पर कार्यों को गति देने के लिए, AAP के नेतृत्व वाली सरकार ने विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं से संबंधित पिछले वर्ष की करीब 1,750 करोड़ रुपये की अवितरित केंद्रीय हिस्सेदारी लगभग जिसे पिछली सरकारों ने रोक दिया गया उसे जारी किया. इस बीच, वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार पंजाब को अपने उच्च लागत वाले दीर्घकालिक ऋणों के पूर्व भुगतान के लिए केंद्र के साथ इस मुद्दे को उठा रही है, जो कि राष्ट्रीय लघु बचत निधि ऋण है, जिसकी लागत 9.50 प्रतिशत से 10.50 प्रतिशत है. लगभग 7.60 प्रतिशत पर बाजार से उधारी उपलब्ध है.उन्होंने कहा कि इससे राज्य को इस कठिन राजकोषीय स्थिति से निपटने में काफी मदद मिलेगी और राज्य की ब्याज देनदारियों को कम करने में मदद मिलेगी.
वर्ष 2023-24 में पूरी तरह से काम करना शुरू कर देगी टैक्स इंटेलिजेंस यूनिट
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य वित्त के प्रबंधन में राजकोषीय विवेक और दक्षता लाने के लिए अपेक्षित उपाय किए जा रहे हैं. शुरुआत के लिए, टैक्स इंटेलिजेंस यूनिट को पूरी तरह से अधिसूचित कर दिया गया है और वित्त वर्ष 2023-24 में पूरी तरह से काम करना शुरू कर देगी. यह करदाताओं की कर चोरी और गैर-अनुपालन का पता लगाने और वसूली की पूरी व्यवस्था के सिस्टम विकसित करेगा. चीमा ने कहा कि राज्य के राजस्व को और बढ़ाने के लिए कराधान और गैर-कर राजस्व प्रवाह के सारे पहलू की जांच के लिए विशेषज्ञों को काम पर रखा जा रहा है.
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