Punjab News: जालंधर लोकसभा उपचुनाव को लेकर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है. एक तरफ जहां कांग्रेस फिर से इस सीट पर कब्जा चाहती है. वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के लिए इस सीट पर जीत हासिल करना एक प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. इसके अलावा अगर बीजेपी की बात करें तो बीजेपी भी इस सीट पर जीत हासिल कर 2024 में होने से लोकसभा चुनावों को लेकर एक संदेश देना चाहती है. इन्हीं सब कयासों के बीच ‘आप’ ने पंजाब सरकार के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा को लोकसभा उपचुनाव की जिम्मेदारी सौंपी है. वित्त मंत्री चीमा को पार्टी ने चुनाव प्रभारी बनाया है. शुक्रवार को बाकायदा पार्टी की तरफ से एक चिट्ठी जारी कर इसकी जानकारी दी गई है. 


संगरूर चुनाव से मिला सबक


आम आदमी पार्टी के लिए जालंधर लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करना इसलिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है क्योंकि भगवंत मान के मुख्यमंत्री बनने के जब संगरूर सीट पर उपचुनाव हुआ था तो उस चुनाव में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था. सत्ता में होने के बावजूद करारी शिकस्त मिलने से पार्टी विपक्षियों के निशाने पर आ गई थी. अब दोबारा वैसी स्थिति को आप बिल्कुल दोहराना नहीं चाहेगी. 


निगम चुनावों पर भी पड़ेगा असर


जालंधर लोकसभा उपचुनाव में जीत हार का असर आने वाले लोकसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है, इसके अलावा पंजाब में होने वाले निगम चुनावों में भी उपचुनाव के रिजल्ट का असर पड़ेगा. यहीं वजह है कि सभी दलों के बड़े नेताओं की दौड़ अब जालंधर में लगी हुई है. उपचुनाव मे पूरे राज्य में राजनीतिक माहौल गर्मा दिया है. वही आप की तरफ से दूसरे दलों के कई नेताओं को तोड़ा गया है, जालंधर वेस्ट के कांग्रेस विधायक को 2 दिन पहले ही पार्टी में शामिल करवाकर उन्हें उपचुनाव में टिकट दिया गया है.   


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