Punjab Cabinet Meeting: पंजाब में 10.77 लाख राशन कार्ड होंगे बहाल, ‘फरिश्ते’ योजना को मंजूरी, शहीदों की पत्नियों की पेंशन भी बढ़ी
Punjab Cabinet Meeting News: पंजाब कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. इस बैठक में सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर को कम करने के लिए ‘फरिश्ते’ योजना को मंजूरी दी गई है.
Punjab News: पंजाब मंत्रिमंडल ने बुधवार को 10.77 लाख लाभार्थियों को मिलने वाले राशन कार्ड के लाभ को बहाल करने का निर्णय लिया ताकि वे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत मिलने वाले राशन को प्राप्त कर सकें. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सत्यापन प्रक्रिया के दौरान लगभग तीन लाख राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए, जिससे 10.77 लाख लाभार्थी लाभ से वंचित हो गए. इसमें कहा गया है कि व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने इन कार्डों को बहाल करने का फैसला किया है.
पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में यह फैसला लिया गया. इस दौरान सीएम मान ने कहा कि सभी लाभार्थी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और राज्य सरकार द्वारा शुरू की जा रही घर-घर राशन वितरण की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंगे. सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली चोटों के कारण मृत्यु दर को कम करने के लिए मंत्रिमंडल ने ‘फरिश्ते’ योजना को भी मंजूरी दी. इस योजना के तहत दुर्घटना पीड़ितों को सार्वजनिक और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में तत्काल और परेशानी मुक्त उपचार की परिकल्पना की गई है. आम जनता को दुर्घटना पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार उनके कार्यों की सराहना करते हुए 2,000 रुपये का इनाम देगी.
शिक्षकों के लिए नई स्थानांतरण नीति को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने शिक्षकों के लिए एक नई स्थानांतरण नीति को भी मंजूरी दे दी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वे अपने स्थानांतरण के लिए दर-दर भटकने के बजाय उत्साहपूर्वक शिक्षण में योगदान दें. मंत्रिमंडल ने सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी जतिंदर सिंह औलख को पंजाब लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त करने की सिफारिश राज्यपाल को भेजने को भी मंजूरी दे दी.
पूर्व सैनिकों और उनकी पत्नियों को लेकर हुआ ये फैसला
मंत्रिमंडल ने उन पूर्व सैनिकों या उनकी पत्नियों को वित्तीय सहायता बढ़ाने पर भी सहमति दी जो 65 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लिया था, लेकिन बिना किसी पेंशन लाभ के घर भेज दिए गए थे. उनको मिलने वाली वित्तीय सहायता 6,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति माह कर दी गई है. फिलहाल 453 लाभार्थी इस नीति के तहत लाभ उठाते हैं. यह बढ़ोतरी 26 जुलाई 2023 से प्रभावी होगी.
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