पंजाब मंत्रिमंडल ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में तीन रुपये प्रति यूनिट की कटौती करने का सोमवार को फैसला किया. राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले लिये गये इस फैसले से राजकोष पर प्रतिवर्ष 3,316 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू होगा और इससे लगभग 69 लाख उपभोक्ताओं को फायदा होगा. राज्य में लगभग 72 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह घोषणा की. चन्नी ने यहां मीडिया से कहा, ‘‘हम घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में तीन रुपए प्रति यूनिट की कमी कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि यह लोगों के लिए ‘‘दिवाली का एक बड़ा उपहार’’ है.
सरकारी खजाने पर बढ़ेगा बोझ
मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि यह निर्णय तुरंत प्रभाव से लागू होगा और इससे सरकारी खजाने पर हर साल 3,316 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, लोग सस्ती बिजली चाहते थे. उन्होंने दावा किया कि इस फैसले से घरेलू श्रेणी के लिए बिजली दर देश में सबसे सस्ती हो गई है.
उन्होंने सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा, ‘‘पंजाब के लोगों को कुछ भी मुफ्त नहीं चाहिए. वे सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण बिजली चाहते हैं.’’ चन्नी ने कहा कि 100 यूनिट (2 किलोवाट तक) की खपत के लिए, बिजली की दर 4.19 रुपये प्रति यूनिट से घटकर 1.19 रुपये प्रति यूनिट हो जाएगी और 101-300 यूनिट के लिए बिजली दर 4.01 रुपये और 300 यूनिट से अधिक के लिए यह दर 5.76 रुपये प्रति यूनिट होगी. इसी तरह, दो किलोवाट से अधिक और सात किलोवाट तक की बिजली दरों में भी कमी आएगी.
विपक्ष ने साधा पंजाब सरकार पर निशाना
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधते हुए चन्नी ने कहा कि उसकी बिजली सब्सिडी 2,220 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष है जबकि पंजाब में 14,000 करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सस्ती दर पर बिजली खरीद रही है और इसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने जीवीके गोइंदवाल साहिब बिजली परियोजना के साथ बिजली खरीद समझौते को समाप्त करने का नोटिस जारी किया है क्योंकि इसकी लागत 6-7 रुपये प्रति यूनिट थी. उन्होंने राज्य में शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी की पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इस परियोजना के लिए निविदा नहीं जारी की गई थी.
उन्होंने कहा कि 2.38 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से सौर ऊर्जा खरीदने के वास्ते निविदा जारी कर दी गई हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन बिजली खरीद समझौतों पर भी पुनर्विचार किया जाएगा और इस संबंध में विधानसभा में एक विधेयक लाया जाएगा. चन्नी ने कहा, ‘‘हमने सस्ती दरों पर बिजली खरीदना शुरू कर दिया है.’’ उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और गरीबी रेखा से नीचे वाले (बीपीएल) वर्ग को एक किलोवाट तक की मौजूदा मुफ्त बिजली सुविधा जारी रहेगी. चन्नी की घोषणा से पहले राज्य का बिजली सब्सिडी बिल 10,628 करोड़ रुपये था. आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल ने पहले ही वादा किया था कि अगर उनकी पार्टियां अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव में सत्ता में आती हैं तो क्रमश: 300 यूनिट और 400 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी. कांग्रेस की पंजाब इकाई के नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी लोगों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए दबाव बना रहे हैं.
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