Punjab Green Firecrackers: मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने दिवाली, गुरुपर्व, क्रिसमस और नए साल पर बहुत कम समय के लिए केवल कम प्रदूषण करने वाले पटाखों (ग्रीन फटाखे) के उपयोग की अनुमति दी है. पंजाब में सिर्फ उन्हीं पटाखों को फोड़ा और बेचा जा सकता है, जो कम प्रदूषण वाले हों. साथ ही जिनमें बेरियम सॉल्ट या कम्पाऊंड ऑफ एंटीमनी, लिथियम, पारा, आर्सेनिक, सीसा या स्ट्रोंटियम क्रोमेट के यौगिकों का उपयोग न किया गया हो.


पंजाब सरकार की ओर से यह भी निर्देश दिया गया है कि अनुमित वाले पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंस व्यापारियों के जरिए ही की जाएगी. पंजाब में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक है और किसी भी ऑनलाइन ऑर्डर को स्वीकार करने के लिए ई-कॉमर्स वेबसाइट (E-Commerce Websites) पर प्रतिबंध लगाया गया है. 


कब से कब तक फोड़ सकते हैं फटाखे?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, दिवाली (31 अक्टूबर) को रात 8 बजे से 10 बजे तक, गुरुपर्व (15 नवंबर) को सुबह 4 से 5 बजे तक और फिर रात 9 से 10 बजे, क्रिसमस पर रात 11:55 बजे से 12:30 बजे तक और नए साल की रात 11:55 बजे से 12:30 बजे तक केवल कम प्रदूषण करने वाले पटाखे फोड़े जा सकते हैं. 


अधिकारी ने कहा सुप्रीम कोर्ट, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT), पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MOEF&CC) के विभिन्न दिशा-निर्देशों के मुताबिक, राज्य सरकार ने पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत पंजाब में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर निषेध, प्रतिबंध और नियम लागू किए हैं. 


प्रवक्ता ने कहा, राज्य में लड़ी पटाखों को बनाने, स्टॉक, डिस्ट्रीब्यूशन, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके अलावा डिप्टी कमिश्नरों को पटाखों के हानिकारक प्रभावों को बताते हुए बड़े स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है.



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