Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को आपातकाल को भारत के लोकतंत्र पर एक “बड़ा धब्बा” करार दिया और इसकी एक ऐसे समय के तौर पर निंदा की जब लोगों की आवाज को दबाया गया था. सीएम मान ने राज्य विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा को समाप्त करते हुए आपातकाल का उल्लेख किया. आज ही के दिन 47 साल पहले भारत में पहली बार आपातकाल लागू किया गया था. सीएम ने कहा, आज भारत के इतिहास में एक ऐसा दिन आया, जो भारत के लोकतंत्र पर एक बड़ा धब्बा था. आज ही के दिन 1975 में देश में आपातकाल लगाया गया था जब लोगों की आवाज दबाई गई थी.


जैसे ही मान ने अपना भाषण शुरू किया, कांग्रेस सदस्यों ने बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिए जाने का विरोध करना शुरू कर दिया और सदन से बहिर्गमन कर गए. सीएम ने कहा इसे एक संयोग कहें, जिन्होंने तब लोगों की आवाज दबाई थी, आज यहां उनकी आवाज नहीं सुनी जा सकी. देश में 1975 से 1977 तक 21 महीने की अवधि के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाया गया था, जब लोगों के मौलिक अधिकारों को सख्त प्रतिबंधों के तहत रखा गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री ने 1977 में आपातकाल हटा लिया और लोकसभा चुनावों का आह्वान किया, जिसमें 1947 में देश की आजादी के बाद पहली बार जनता पार्टी के संयुक्त विपक्ष के हाथों कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा.


पंजाब से खत्म होगा गैंगस्टर


सीए मान ने अपने घंटे भर के संबोधन के दौरान कानून-व्यवस्था में व्यापक सुधार लाने की घोषणा की और राज्य से गैंगस्टर संस्कृति को खत्म करने की अपनी इच्छा दोहराई. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गैंगस्टर गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार कर्तव्यबद्ध है. उन्होंने कहा, “कानून-व्यवस्था में व्यापक सुधार लाना समय की मांग है. मान ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही गवाह संरक्षण विधेयक पेश करेगी. कांग्रेस सदस्यों ने बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिए जाने पर जैसे ही विरोध करना शुरू कर दिया, अध्यक्ष ने कहा कि विपक्षी सदस्यों को वास्तव में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बोलने के लिए अधिक समय दिया गया था.


विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने गलत आकलन किए जाने का आरोप लगाया और सदन से बाहर चले गए. उस समय मान बोलने के लिये खड़े हुए थे. जब कांग्रेस सदस्य बहिर्गमन कर रहे थे, मान ने चुटकी ली, “कांग्रेस की समस्या यह है कि लोग उन्हें बाहर नहीं सुनते और यहां वे सुनना नहीं चाहते. इस बीच, मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष कार्य बल जिला पुलिस, खुफिया इकाई, बीएसएफ, स्वापक नियंत्रण ब्यूरो और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय करके नशीले पदार्थों और हथियारों की सीमा पार तस्करी को रोकने के लिए आवश्यकता-आधारित अभियान शुरू किया जा रहा है.


विधानसभा चुनाव में आप को बड़ा जनादेश देने के लिए पंजाब के लोगों को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा, आइए हम यह सुनिश्चित करें कि परिवर्तन और सुशासन की यह क्रांति पंजाब के हर घर और हर व्यक्ति तक पहुंचे. कानून-व्यवस्था के लिए मान सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर कीमत पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि राज्य में हमेशा शांतिपूर्ण माहौल बना रहेगा और कड़ी मेहनत से अर्जित शांति भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ “गंभीर से गंभीर” कार्रवाई की जाएगी.


ड्रग माफियाओं पर कसा जाएगा शिकंजा: सीएम मान


“ड्रग्स के खिलाफ युद्ध” की घोषणा करते हुए मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह ड्रग माफिया से साठगांठ करने वाले किसी को भी न बख्शें. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस आयुक्तों को ड्रग्स की आपूर्ति में शामिल “बड़ी मछलियों” को पकड़ने के लिए एसटीएफ के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा गया है. मादक द्रव्यों की समस्या से निपटने में ढिलाई के लिए प्रत्येक पुलिस अधिकारी को अपने अधिकार क्षेत्र में जिम्मेदार ठहराया जाएगा. पूर्व विधायकों के लिए पेंशन को एक कार्यकाल तक सीमित करने के बाद, मान ने कहा कि इस संबंध में एक विधेयक विधानसभा के चालू बजट सत्र में लाया जाएगा.


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मुख्यमंत्री ने पिछले महीने घोषणा की थी कि पूर्व विधायकों को अब केवल एक कार्यकाल के लिए पेंशन मिलेगी. उनके द्वारा सेवा की गई प्रत्येक अवधि के लिए लाभ प्राप्त करने की पहले की प्रथा को दूर करते हुए, मान ने कहा, “भ्रष्टाचार मुक्त शासन लोकाचार हमारी सरकार के मूल में है। जो पिछले 100 दिनों में अपने कार्यों में विधिवत साबित हुआ है.” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के गठन के पहले कुछ दिनों के भीतर भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन शुरू की गई थी, जिसमें अब तक 29 मामले दर्ज किए गए हैं और 47 गिरफ्तारियां की गई हैं.


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