(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Punjab News: MSP कमेटी में पंजाब को प्रतिनिधित्व नहीं देने पर भड़के सीएम मान, बोले- राज्य की भागीदारी सुनिश्चित हो
MSP Committee: सीएम भगवंत मान ने कहा, ''मैं इस बात की आलोचना करता हूं कि केंद्र सरकार ने किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़ी हुई कमेटी बनाते पंजाब को प्रतिनिधित्व नहीं दिया है.''
MSP Committee Members: केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को प्रभावी बनाने समेत खेती से जुड़े अन्य विषयों को लेकर कमिटी बनाई है. लेकिन इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार की आलोचनी की है. उ्होंने ट्वीट करके अपनी बात कही है. पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा, ''मैं इस बात की आलोचना करता हूं कि केंद्र सरकार ने किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़ी हुई कमेटी बनाते पंजाब को प्रतिनिधित्व नहीं दिया है.''
एमएसपी हमारा कानूनी हक है- सीएम
सीएम भगवंत मान ने अपने बयान में पंजाब के किसानों की खराब वित्तीय हालत का मुद्दा भी उठाया है. उन्होंने कहा, ''पंजाब के किसान पहले ही फसल चक्र में नुकसान का सामना कर रहे हैं. एमएसपी हमारा कानूनी हक है. केंद्र सरकार को एमएसपी से जुड़ी कमेटी में पंजाब की भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए.''
ਕੇਂਦਰ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਕਿਸਾਨ ਵੀਰਾਂ ਨਾਲ ਵਾਅਦੇ ਮੁਤਾਬਕ MSP ‘ਤੇ ਬਣਾਈ ਗਈ ਕਮੇਟੀ ਵਿੱਚ ਪੰਜਾਬ ਨੂੰ ਨੁਮਾਇੰਦਗੀ ਨਾ ਦੇਣ ‘ਤੇ ਨਿੰਦਾ ਕਰਦਾ ਹਾਂ..
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) July 20, 2022
ਪੰਜਾਬ ਦਾ ਕਿਸਾਨ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਫ਼ਸਲੀ ਚੱਕਰ ਅਤੇ ਕਰਜ਼ੇ ‘ਚ ਡੁੱਬਿਆ ਪਿਆ ਹੈ..MSP ਸਾਡਾ ਕਨੂੰਨੀ ਅਧਿਕਾਰ ਹੈ..ਕੇਂਦਰ ਨੂੰ MSP ਕਮੇਟੀ ਵਿੱਚ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਨੁਮਾਇੰਦਗੀ ਯਕੀਨੀ ਬਣਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ
कृषि कानूनों पिछले दरवाजे से लाना चाहती है सरकार- किसान नेता
गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा के किसान नेताओं ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्र की ओर से हाल ही में गठित एक समिति को लेकर आशंका व्यक्त करते हुए आरोप लगाया है कि सरकार निरस्त किये गए कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से वापस लाना चाहती है. किसान नेताओं का मानना है कि समिति को खुद को एमएसपी के मुद्दे तक सीमित रखना चाहिए था, जबकि अन्य विषयों जैसे कि प्राकृतिक खेती और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के तरीकों पर अलग से विचार किया जा सकता था.
पंजाब को बाहर रखना हमारे लोगों का अपमान- चढ्ढा
वहीं आप नेता और राज्यसभा सदस्य के साथ में सार्वजनिक महत्व के मामलों पर पंजाब सरकार को सलाह देने के लिए एक अस्थायी समिति के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की समिति "कृषि पर बीजेपी की अदूरदर्शिता और कुटिलता का नया उदाहरण है कि इस सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा है." उन्होंने समिति से पंजाब की संस्थाओं और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को बाहर रखने पर आपत्ति जताई. चड्ढा ने ट्वीट किया, "जानबूझकर पंजाब को बाहर रखकर केंद्र सरकार ने हमारे लोगों का अपमान किया है."
बीजेपी एकीकृत तरीके से नेतृत्व नहीं कर सकती
साथ ही राज्यसभा सांसद ने दावा किया कि राज्यों, विशेष रूप से पंजाब के गैर-प्रतिनिधित्व के माध्यम से संघवाद के सिद्धांतों का उल्लंघन किया गया है. चड्ढा ने कहा, "इस बात के स्पष्ट सबूत हैं कि बीजेपी एकीकृत तरीके से भारत का नेतृत्व नहीं कर सकती, खासकर अपने किसानों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर. यह स्पष्ट है कि एमएसपी को 'प्रभावी' बनाना क्यों विचाराधीन है, लेकिन न्यूनतम एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी नहीं."