Lok Milani program: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक जनसंपर्क कार्यक्रम की शुरुआत की. इसमें सीएम ने पहले नए कार्यक्रम 'लोक मिलनी' का आगाज किया. इस कार्यक्रम को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए लोगों को गुमराह करने का नाटक करार दिया. पंजाब भवन में 'लोक मिलनी' कार्यक्रम के दौरान 61 शिकायतकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी शिकायत दर्ज कराई, तो वहीं कई लोगों ने मुख्यमंत्री से मिलने की अनुमति नहीं दिए जाने से निराश होकर पंजाब भवन परिसर के बाहर हंगामा किया. इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दो तहसीलदारों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने का आदेश जारी दिया. इन दो तहसीलदारों के खिलाफ लोगों ने काफी शिकायतें की थीं.


लोगों की शिकायतों को तत्काल मिटाने का है मकसद
इस कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि इस कार्यक्रम का मकसद लोगों की शिकायतों के तत्काल निपटाना है. उनकी सरकार के उच्च अधिकारी इस 'लोक मिलनी' के दौरान उनके साथ हैं जिससे लोगों की तरफ से उठाए गए मामलों का मौके पर ही निपटारा किया जाए. इस पहल का मकसद यह यकीनी बनाना है कि लोगों को अपने काम करवाने के लिए परेशान न होना पड़े और लोगों के परेशानी का निवारण तुरंत हो जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस संवादात्मक कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों की शिकायतों के निवारण के लिए सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म सुनिश्चित करना है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के माध्यम से प्रयास का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोगों को अपना काम करवाने के लिए दर-दर भटकना न पड़े और लोगों का काम आसानी से हो जाए.


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हर हफ्ते निगरानी करेंगे सीएम
इस कार्यक्रम के दौरान भगवंत मान ने कहा कि वह हर हफ्ते निजी तौर पर इन शिकायतों की प्रगति की निगरानी करेंगे. इस काम की प्रक्रिया में किसी भी तरह की ढील को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पुलिस भर्ती परीक्षा का निष्पक्ष और पारदर्शी नतीजा जल्द ही घोषित किया जाएगा और चयनित उम्मीदवारों को जल्द ही नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे.


विपक्ष ने साधा सीएम पर निशाना
इस कार्यक्रम को लेकर विपक्ष ने भी सीएम पर निशाना साधा है. भोलाथ से कांग्रेस विधायक सुकपाल खैरा ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री भगवंत मान को हर समस्या का समाधान स्वयं करना है, तो उन्हें पंजाब की पूरी कार्यकारी मशीनरी को भंग कर देना चाहिए. यह अपने स्तर पर लोगों की शिकायतों को दूर करने में जिला प्रशासन की बड़ी विफलता को भी दर्शाता है. आधिकारिक कामकाज को सुव्यवस्थित करने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री के एक दरवाजे पर 2.75 करोड़ पंजाबी की समस्याओं का समाधान करना मानवीय रूप से असंभव है. समय की मांग है कि जिला स्तरीय आधिकारिक कामकाज को सुचारू किया जाए. जोकि इस समय एक्टिव नहीं है इसलिए सभी मुख्यमंत्री से संपर्क कर अपने परेशानी को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.


पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने कसा सरकार पर तंज
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री लोगों को घुमाने ले गए हैं. जब सरकार ने पहले से तय कर लिया था कि इसमें शामिल होने और मनोरंजन करने वाले लोगों की सूची है, तो इस उमस भरी गर्मी के में मुख्यमंत्री से मिलने के लिए राज्य के कोने-कोने से आने वाले लोगों को गुमराह किया गया और इसके बाद कार्यक्रम में प्रवेश से मना कर दिया गया.


लोगों ने किया सरकार और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी
अपने परेशानियों को लेकर 'लोक मिलनी' कार्यक्रम में इतने लोग पहुंच गए कि सबको मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल पाया. नतीजतन पंजाब भवन में कार्यक्रम के दौरान बाहर खड़े सैकड़ों लोग, जोकि प्रदेश के दूर-दराज जिलों से भीषण गर्मी में चंडीगढ़ पहुंचे थे. उन्होंने सरकार और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. पंजाब भवन के भीतर जब तक 'लोक मिलनी' कार्यक्रम चलता रहा, तब तक बाहर खड़ी भीड़ पुलिस से भीतर जाने का आग्रह करती रही और इस दौरान नाराज लोग नारेबाजी भी करते रहे.


सोशल मीडिया पर दिया गया था संदेश
दरअसल, राज्य सरकार की तरफ से सोशल मीडिया पर यह संदेश दिया गया था कि कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या लेकर सोमवार को चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में 11 बजे से आयोजित होने वाले 'लोक मिलनी' कार्यक्रम में पहुंच सकता है. संदेश में यह दावा भी किया गया कि लोगों की समस्या का 24 घंटे में समाधान होगा. 


इस हंगामे पर क्या कहा आप प्रवक्ता ने?
इस हंगामे के बाद आप प्रवक्ता मलविंदर कांग ने कहा कि मुख्यमंत्री उन लोगों से मिलने वाले थे जिनकी शिकायतें जिला प्रशासन के माध्यम से आई थीं, लेकिन जब मुख्यमंत्री के 'लोक मिलनी' कार्यक्रम की जानकारी फैली तो कई लोग आ गए. मुख्यमंत्री ने उन सभी लोगों से मुलाकात की जिन्हें प्रक्रिया के अनुसार बुलाया गया था. अभी पहला दिन था. मुख्यमंत्री आने वाले दिनों में जिला स्तर पर पहल करने की योजना बना रहे हैं.


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