Punjab News: पंजाब के अमृतसर से गुरबाणी प्रसारण को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. दोनों तरफ से बयानबाजी का दौर जारी है. इसी बीच आज होने वाली एसजीपीसी की बैठक को लेकर सीएम मान की प्रतिक्रिया सामने आई उन्होंने कहा कि सिखों की प्रमुख संस्था अपने आकाओं के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई है. एसजीपीसी की बैठक है ढोंग है क्योंकि अकाली लीडरशिप द्वारा बैठक में क्या बोलना है उसको लेकर फैसला पहले ही लिया जा चुका है बैठक को सिर्फ खानापूर्ति कर फैसले को पढ़कर सुनाया जाएगा. 


‘एसजीपीसी प्रधान को अकाली दल ने क्यों बुलाया’
सीएम मान की तरफ से कहा गया कि एसजीपीसी के मुखिया को अकाली दल के दफ्तर में पहले ही तलब किया जा चुका है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्या हुआ है. सीएम ने कहा कि अकाली नेता मलूका, चंदूमाजरा, भूंदड़, चीमा, गाबड़िया और अन्य की तरफ से एसजीपीसी मुखिया को सिर्फ बादल परिवार के फैसले से अवगत कराया गया है. सीएम मान ने ट्वीट कर लिखा- अब आप तय करें, अकाली दल कार्यालय में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की हाउस मीटिंग, इसका अर्थ क्या है. कृपया अपनी राय दें. वे संगत के आदेश से भाग नहीं सकते. मैं यह फैसला आप पर छोड़ता हूं, आइए उनके चेहरे बेनकाब करें.


‘डरे हुए सीएम को मेरी ज्यादा चिंता’
सीएम मान के बयान पर पटलवार करते हुए एसजीपीसी के मुखिया हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं जुंझारू जत्थेबंदी शिरोमणि अकाली दल का सिपाही हूं. सीएम इतने डरे हुए है कि उन्हें पंजाब के विकास से ज्यादा मेरी चिंता है.  आपको बता दें कि सीएम मान विधानसभा सत्र के दौरान गुरुद्वारा संशोधन बिल 2023 पास कर चुके है. जिसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है. जिसको लेकर एसजीपीसी की तरफ से लगातार विरोध किया जा रहा है. 


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