चंडीगढ़: सेना (Indian Army) की अग्निवीर योजना (Agniveer Scheme) को पंजाब सरकार (Punjab Government) की ओर से समर्थन न मिलने की खबरों पर मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि इस तरह की रैलियों के लिए पूरी तरह से सहयोग देने के निर्देश सभी जिला उपायुक्तों को दिए गए हैं. उनका कहना है कि इसमें किसी भी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा. मुख्यमंत्री का कहना है कि राज्य से सबसे अधिक संख्या में सैनिकों की भर्ती के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जाएंगे.
सेना के अधिकारी ने क्या चेतावनी दी थी
दरअसल बुधवार को एक खबर आई कि अग्निपथ योजना के तहत आयोजित होने वाली भर्ती रैलियों के लिए स्थानीय प्रशासन ठीक से सहयोग नहीं कर रहा है.सेना के एक अधिकारी के एक पत्र के हवाले से आई इस खबर में कहा गया था कि सेना ने कहा है कि अगर यही रवैया रहा तो पंजाब की भर्ती रैलियों को या तो स्थगित कर दिया जाएगा या पड़ोसी राज्यों में शिफ्ट कर दिया जाएगा.
इस खबर की क्लिपिंग को ट्वीट करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीटर पर लिखा, '' सभी उपायुक्तों को पंजाब में अग्निवीरों की भर्ती के लिए सेना के अधिकारियों को पूरी तरह से सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं. इसमें किसी भी तरह की ढिलाई को गंभीरता से लिया जाएगा.राज्य से सबसे अधिक संख्या में सैनिकों की भर्ती के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जाएंगे. ''
सेना के अधिकारी ने क्या कहा था
जालंधर स्थित सेना के जोनल भर्ती अधिकारी मेजर जनरल शरद बिक्रम सिंह ने पंजाब सरकार के प्रमुख सचिव वीके जांजुआ और रोजगार सृजन,कौशल विकास और प्रशिक्षण विभाग के प्रमुख सचिव कुमार राहुल को एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि सेना की अग्निवीर भर्ती रैलियों के लिए स्थानीय प्रशासन का सहयोग ठीक से नहीं मिल रहा है. उनका कहना है कि अधिकारी इस संबंध में चंडीगढ़ से स्पष्ट दिशा-निर्देश न मिलने और फंड की कमी की बात करते हैं. उन्होंने कहा था कि अगर यही रवैया रहा तो पंजाब की भर्ती रैलियों को या तो स्थगित कर दिया जाएगा या पड़ोसी राज्यों में शिफ्ट कर दिया जाएगा.
अग्निपथ योजना पर राजनीति
पंजाब सरकार ने इस साल जून में विधानसभा एक प्रस्ताव पारित कर अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना का विरोध किया था. मुख्यमंत्री मान ने कहा था कि यह योजना देश के युवाओं के विरुद्ध है.उन्होंने कहा था कि बीजेपी सरकार की अग्निपथ योजना एक बेहद तर्कहीन कदम है. यह भारतीय सेना के ताने-बाने को बुरी तरह तबाह कर देगी. पंजाब सरकार के इस प्रस्ताव का कांग्रेस और अकाली दल ने भी समर्थन किया था.
केंद्र सरकार चार साल के अनुबंध पर सेना, नौसेना और वायुसेना में साढ़े 17 साल और 21 साल के बीच के युवाओं की भर्ती कर रही है. इसे अग्निपथ योजना का नाम दिया गया है. सरकार ने जब इस योजना का खाका पेश किया तो इसके विरोध में देशभर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इसके बाद सरकार ने इस साल की भर्ती के लिए अधिकतम आयु की सीमा बढ़ाकर 23 साल कर दी थी.
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