Punjab: CM भगवंत मान ने की ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ परियोजना शुरुआत, 200 करोड़ रुपये का रखा गया बजट
पंजाब (Punjab) के सीएम भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने कहा कि स्कूल ऑफ एमिनेंस’ परियोजना के तहत 23 जिलों के 117 सरकारी स्कूलों का उन्नयन किया जाएगा, जिसमें नौवीं से 12वीं कक्षा पर विशेष जोर रहेगा.
School of Eminence Starts in Punjab: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने शनिवार को अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ की शुरुआत करते हुए कहा कि यह विद्यार्थियों के लिए सुनहरा भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में एक 'क्रांतिकारी' कदम है. ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. इस परियोजना का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में शिक्षा का कायाकल्प और विद्यार्थियों का समग्र विकास सुनिश्चित करना है, ताकि वह जिम्मेदार नागरिक बने. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा, शिक्षाविद, मानव संसाधन प्रबंधन, खेल और सह-पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियां और सामुदायिक जुड़ाव इसके पांच स्तंभ हैं.
‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ परियोजना के तहत 23 जिलों के 117 सरकारी स्कूलों का उन्नयन किया जाएगा, जिसमें नौवीं से 12वीं कक्षा पर विशेष जोर रहेगा. अधिकारी ने कहा कि कैरियर से संबंधित परामर्श के अलावा, नवीन शिक्षण पद्धतियों का पालन किया जाएगा और विद्यार्थियों को पेशेवर परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा.
'दिल्ली का शिक्षा मॉडल पंजाब में होगा लागू'
सीएम मान ने कहा कि ये स्कूल स्वतंत्रता सेनानियों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए स्थापित किए जा रहे हैं, जो विद्यार्थियों को भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करेंगे और पंजाब को शिक्षा के क्षेत्र में आदर्श बनाने में मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब ये सरकारी विद्यालय निजी स्कूलों से बेहतर शिक्षा देंगे. उन्होंने कहा, "ऐसे स्कूलों ने पहले ही दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी है. अब पंजाब की बारी है, जहां इस मॉडल को सफलतापूर्वक लागू किया जाएगा."
सीएम मान ने शिक्षकों को बताया राष्ट्र निर्माता
पंजाब के सीएम ने शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता बताते हुए कहा कि उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभानी है. मान ने 36 शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर भेजने के अपनी सरकार के फैसले के बारे में कहा कि इससे उन्हें दुनिया भर में मौजूद उन्नत कार्य प्रणाली सीखने में मदद मिलेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने शिक्षा के क्षेत्र की उपेक्षा की और कई विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ने के लिए मजबूर किया गया.
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