Punjab News: पंजाब मंत्रिमंडल ने सोमवार को जहां अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से गुरबानी का निशुल्क प्रसारण करने के लिए सिख गुरुद्वारा अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी है. वहीं दूसरी तरफ सीएम मान ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने को लेकर SGPC को ही अस्थायी करार देते हुए प्रधान हरजिंदर सिंह धामी पर जोरदार निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मसंदों से गुरुद्वारे छुड़ाए थे, अब मॉडर्न मसंदों से गुरुबाणी छुड़ानी है. इसके लिए प्रस्ताव ज्यूडिशियल कमीशन गुरुद्वारा साहिब द्वारा लागू करवाया जाएगा.
‘अगर चुनाव न हो तो बॉडी गैर-लोकतांत्रिक बन जाती है’
सीएम मान ने आगे कहा कि 2012 के बाद से SGPC के चुनाव नहीं हुए है. अगर 5 सालों में चुनाव नहीं होते तो बॉडी गैर-लोकतांत्रिक बन जाती है. उन्होंने कहा कि कार्यकारी जत्थेदार को यह कह कर उतार दिया गया कि वे कार्यकारी थे. लेकिन शिरोमणि कमेटी के कार्यकारी प्रधान ने उन्हें पद से उतारा वो तो पक्के है नहीं, लोगों को हटाने में लगे है. सीएम मान ने SGPC प्रधान हरजिंदर सिंह धामी पर कहा तंज कसते हुए कहा कि अमेरिका में ट्रंप भी कहता था मैं कुर्सी से नहीं उतरूंगा.
सीएम मान पर धामी का पलटवार
सीएम मान के बयान को लेकर SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने भी पलटवार किया है. धामी ने ट्वीट कर लिखा- भगवंत सिंह मान! शब्दों की मर्यादा को पार मत करो. मुख्यमंत्री के जिम्मेदार पद पर बैठकर अनैतिक होना उचित नहीं है. मैं तुम्हें असभ्य नहीं कहूंगा, क्योंकि मैं नैतिकता की लक्ष्मण रेखा नहीं लांघ सकता. लेकिन आप तो जन्म से ही समझदार हैं. आपको यह जानने की जरूरत है कि मसंद सिखी एक समय में एक बड़ी सकारात्मक भूमिका रही है.
गुरबाणी के फ्री टेलीकास्ट का भी हो रहा विरोध
आपको बता दें कि सीएम मान द्वारा गुरबानी का निशुल्क प्रसारण करने के लिए सिख गुरुद्वारा अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी गई है. जिसको लेकर SGPC और शिरोमणि अकाली दल विरोध कर रहा है. SGPC प्रधान धामी ने कहा कि भगवंत मान दिल्ली में अपनी पार्टी के नेतृत्व को 'खुश' करना चाहते हैं, इलिए सिखों के धार्मिक मामलों को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है. वही अकाली दल प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने इसे ‘‘पंथ पर सीधा हमला’’ बताया है.
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