Punjab News: पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को 10.77 लाख लाभार्थियों को मिलने वाले राशन कार्ड के लाभ को बहाल करने का निर्णय लिया गया है. इसको लेकर अब पंजाब सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरते हुए लिखा कि 10.7 लाख लाभार्थियों को मुफ्त राशन बहाल करने का निर्णय अपराध की स्वीकृति है. इन लोगों को मिलने वाले लाभ में व्यवधान के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. सीएम भगवंत मान सरकार को अंतरिम रूप से उन्हें आर्थिक रूप से मुआवजा देना चाहिए.



क्या है पूरा मामला?


दरअसल, पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में 10.77 लाख लाभार्थियों को मिलने वाले राशन कार्ड के लाभ को बहाल करने का फैसला लिया गया. ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ उठाते हुए राशन प्राप्त किया जा सके. सत्यापन प्रक्रिया के दौरान लगभग 3 लाख राशन कार्ड निरस्त किए गए थे जिससे 10.77 लाख लाभार्थी लाभ से वंचित हुए थे. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कहा गया है कि व्यापक जनहित को ध्यान को ध्यान में रखते हुए इन राशन कार्डों को बहाल करने का फैसला लिया गया है. बैठक के बाद सीएम मान ने कहा कि 10.77 लाख लाभार्थियों को मिलने वाले राशन कार्ड के लाभ को बहाल किया जा रहा है ताकि राशन कार्ड धारक पंजाब सरकार की तरफ से शुरू की जा रही घर-घर राशन वितरण की योजनाओं का लाभ लिया ले सके.


कैबिनेट बैठक में लिए गए ये बड़े फैसले


पंजाब कैबिनेट की बैठक में राशन कार्ड बहाल करने के साथ-साथ शिक्षकों के लिए नई स्थानांतरण नीति को मंजूरी दी गई है. अब स्थानांतरण के लिए शिक्षकों को दर-दर भटकने की जरूरत नहीं है. इसके साथ पूर्व सैनिकों या उनकी पत्नियों को वित्तीय सहायता बढ़ाने की मंजूरी दी गई है. जिनकी उम्र 65 साल से अधिक है जिन्होंने प्रथम या द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लिया था, लेकिन बिना पेंशन के घर भेज दिया गया था. उनकी पेंशन 6 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए प्रतिमाह कर दी गई है. 


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