Punjab Politics: Punjab Politics: सिद्धू की वो कमजोरी जो पार्टियों में उनके दुश्मन तैयार करती है, जानिए- इसकी वजह
Amritsar: पंजाब की राजनीति में जैसे नवजोत सिंह सिद्धू की एंट्री हुई वैसे ही उनका नाम हमेशा सुर्खियों में छाया रहा. लेकिन राजनीतिक महत्वाकांक्षा की वजह से पार्टियों में उनके दुश्मन भी बढ़ते चले गए.
Punjab News: क्रिकेट से सन्यास के बाद नवजोत सिंह सिद्धू जब राजनीति के मैदान में उतरे तो यहां भी उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई. यहीं नहीं पंजाब की राजनीति में भी सिद्धू के नाम सुर्खियों में छाने लगा. पंजाब की राजनीति में उनकी अहमियत दिन पर दिन बढ़ती चली गई. बीजेपी के बाद सिद्धू ने कांग्रेस में एंट्री की. लेकिन जैसे-जैसे सिद्धू की राजनीतिक अहमियत बढ़ती गई, वैसे-वैसे उनके अंदर एक कमजोरी ने जन्म ले लिया और इसी कमजोरी की वजह से वो बीजेपी हो या कांग्रेस सभी में अपने लिए दुश्मन तैयार करते गए.
सिद्धू की इस कमजोरी ने खड़े किए दुश्मन
पंजाब की राजनीति में जैसे-जैसे नवजोत सिंह सिद्धू की राजनीतिक अहमियत बढ़ती गई वैसे-वैसे एक राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं भी बढ़ने लगी. सिद्धू अब खुद को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में देखने लगे तो हर पार्टी में उनके दुश्मन बढ़ते चले गए. क्योंकि किसी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को कोई मजबूत होते हुए नहीं देखना चाहता. क्योंकि सबकों मालूम हो गया कि सिद्धू की राजनीतिक महत्वाकांक्षा क्या है उनका लक्ष्य क्या है. सिद्धू को लेकर एक बीजेपी नेता ने कहा भी था कि सिद्धू को पार्टी में वापस लेना उतना मुश्किल काम नहीं है जितना उनको संभाल पाना.
एक झटके में लिया BJP से कांग्रेस में जाने का फैसला
2004 में जब सिद्धू बीजेपी से राजनीति की शुरूआत की तो उन्हें अमृतसर लोकसभा सीट से उन्हें टिकट दिया गया. यहां बड़े बहुमत के साथ उन्होंने चुनाव जीता. 2009 में दोबारा फिर इसी सीट से उन्होंने चुनाव जीता, लेकिन 2014 तक में राज्य में अकाली दल और बीजेपी की गठबंधन वाली सरकार चल रही थी जब सिद्धू का अकाली दल के साथ टकराव बढ़ता गया तो बीजेपी के सामने मुसीबत खड़ी हो गई वो सिद्धू को लेकर अकाली दल को नाराज नहीं कर सकती थी. इसलिए बीजेपी ने 2014 में सिद्धू का अमृतसर से टिकट काट दिया और अरुण जेटली को टिकट दिया गया. फिर बीजेपी ने सिद्धू को खुश करने के लिए अप्रैल 2016 में राज्यसभा में नामित कर दिया. लेकिन उन्होंने तीन महीने के अंदर ही इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस ज्वाइन कर ली.
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