Punjab Congress: पंजाब कांग्रेस पिछले कुछ महीनों से अपनों के बीच ही घिरी नज़र आ रही है. चुनाव होने में कुछ महीने का वक्त बाकी है और पार्टी के राज्य अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ही सरकार पर हमला बोलने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देते. हालांकि कांग्रेस (Congress) अब डैमेज कंट्रोल की स्थिति में नज़र आ रही है और इसके लिए वह प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की दोबारा अपने साथ जोड़ सकती है.


दरअसल, अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी नेताओं की चिंता बढ़ गई है. इसी सिलसिले में पिछले हफ्ते पंजाब कांग्रेस के बड़े नेताओं को दिल्ली बुलाया गया था. इतना ही नहीं प्रभारी हरीश चौधरी (Harish Chaudhary) भी इसलिए मंगलवार को पंजाब पहुंचे.


मंगलवार देर रात पंजाब हरीश चौधरी, चरणजीत चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू समेत तमाम बड़े नेताओं के बीच बैठक हुई. बैठक के बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि हमें प्रशांत किशोर को दोबारा जोड़ने का प्रस्ताव मिला है. सीएम ने कहा, ''हमने तमाम मुद्दों पर बात की है. हरीश चौधरी की ओर से सुझाव आया है कि हमें प्रशांत किशोर को दोबारा पंजाब कांग्रेस के साथ जोड़ना चाहिए.''


क्यों ली जा सकती है प्रशांत किशोर की मदद?


बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर काम किया था. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी 117 में से 78 सीटें जीतकर 10 साल बाद पंजाब की सत्ता में वापसी करने में कामयाब हुई थी. कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में प्रशांत किशोर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल थी जिससे वह बाद में अलग हो गए थे.


चरणजीत सिंह चन्नी ने हालांकि प्रशांत किशोर के जुड़ने को लेकर और ज्यादा कुछ नहीं कहा. लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी नेताओं को अमरिंदर के खेमे में से जाने से रोकने के लिए कांग्रेस पार्टी प्रशांत किशोर की मदद ले सकती है.


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