Punjab News: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों की तर्ज पर पंजाब में भी दूसरे प्रदेशों से आए लोगों के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायक सुखपाल खेहरा ने बड़ा बयान दिया है. कांग्रेस विधायक सुखपाल खेहरा विधानसभा में प्राइवेट मेंबर बिल लेकर आए थे. वहीं, रविवार को दोबारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने बताया कि पंजाब में हमने विधानसभा के स्पीकर को जनवरी 2023 में एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया था, जिसमें प्रदेश में बाहर से आ रहे लोगों, चाहे वह काम के सिलसिले में या पक्के तौर पर रहने के लिए आ रहे हों, उसे लेकर एक कानून बनाएं.


‘हमारी आबादी का संतुलन बिगड़ रहा है’
सुखपाल खेहरा ने आगे कहा कि हिमाचल और उत्तराखंड में इसे लेकर कानून है. कोई भी बाहर का व्यक्ति पंजाब में बिना शर्त पूरे किए यहां पर परमानेंट रेजिडेंट वोटर और सरकार नौकरी नहीं ले. यह अकेले हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात और अन्य राज्य में यह नियम है.


उन्होंने कहा कि पंजाब में हमारी डेमोग्राफी खराब हो रही है. हमारी आबादी का संतुलन बिगड़ रहा है. पंजाब में पंजाबी भाषा सबसे ज्यादा बोली जाती है, यहां सिख आबादी बहुसंख्यक है, जबकि देश के अन्य हिस्सों में उनकी आबादी सिर्फ दो फीसदी है. अगर हम बिना किसी कानून या रिकॉर्ड के इस तरह बाहर के लोगों को पंजाब में आने दें, तो हमारी पहचान को खतरा है.


‘AAP सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाला हुआ है’
कांग्रेस विधायक ने आगे कहा कि पंजाब में क्राइम बहुत हो रहा है, लेकिन यहां पर इससे जुड़ा कोई रिकॉर्ड नहीं है कि कौन कहां से आया और किसने क्राइम किया. इसलिए यह कानून हमारे डेमोग्राफी सिचुएशन को बचाने के लिए बहुत जरूरी है. बहुत दुख की बात है कि इस बिल को पेश किए दो साल हो गए हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाला हुआ है.


उन्होंने कहा कि भगवंत मान सरकार इस पर बहस नहीं करवा रही है. मैं मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि उनका पंजाब पर ध्यान है या नहीं. अगर यह बिल पास हो जाएगा तो हम अपनी मांग छोड़ देंगे.


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