Punjab News: कांग्रेस आलाकमान ने अबोहर से पार्टी विधायक संदीप जाखड़ को, पार्टी विरोधियों गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में सस्पेंड कर दिया है. संदीप जाखड़ पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ के भतीजे हैं. संदीप जाखड़ फजिल्का जिले के अबोहर विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं. कांग्रेस के इस फैसले से प्रदेश की सियासत में हलचल तेज हो गई है.
अबोहर विधायक संदीप जाखड़ के खिलाफ ये कार्रवाई प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह बरार की शिकायत बाद किया गया है. पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, 'सस्पेंड विधायक संदीप जाखड़ 'भारत जोड़ो यात्रा' सहित पार्टी की किसी भी प्रोग्राम में शामिल नहीं हो रहे थे.' कांग्रेस की ओर जारी बयान में कहा गया है कि, 'वे अपने चाचा और पंजाब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ खुले आम डिफेंड कर रहे हैं.'
पार्टी की तरफ से जारी लेटर में लगाए ये आरोप
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव तारिक अनवर के जरिये जारी लेटर में कहा गया है कि, संदीप जाखड़ जिस घर में रहते हैं उसके बीजेपी का झंडा लहरा रहा है. इसके अलावा वह (संदीप जाखड़) पार्टी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के खिलाफ लगातार बोल रहे हैं.' आगे कहा गया है कि आपकी गतिविधियों पर काफी सोच विचार के बाद डीएसी ने, तत्काल प्रभाव से आपको (संदीप जाखड़) को पार्टी से निकाले का फैसला किया है. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के इस फैसले से राजनीतिक जानकार कई मायने निकाल रहे हैं.
कौन हैं संदीप जाखड़?
पंजाब की सियासत में संदीप जाखड़ की फैमिली बड़ा रोल है. उनके चाचा सुनील जाखड़ का शुमार पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होता था, हालांकि 2022 में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया. बीजेपी में जाने से पहले वे पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे. सुनील जाखड़ तीन बार विधायक और एक सांसद रहे.
संदीप जाखड़ के दादा बलराम जाखड़ भी सियासत के बड़े खिलाड़ी थे. वह देश के सबसे लंबे समय तक लोक सभा स्पीकर के रहे. बलराम जाखड़ लगातार 9 साल 330 दिनों तक लोक सभा स्पीकर के रुप में सेवा की. इसके अलावा वे नरसिम्हा राव की सरकार में कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के राज्यपाल भी रहे थे. बात करें संदीप जाखड़ की तो उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2022 में लड़ था, अबोहर की सीट को जाखड़ फैमिली की रिवायती सीट मानी जाती है. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी की लहर के बावजूद उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को 5 हजार से अधिक वोटों से हराया था.
ये भी पढ़ें: Punjab Politics: सुखबीर सिंह बादल का बड़ा ऐलान, बोले- 'पंजाब की सत्ता में वापसी हुई तो रद्द कर देंगे जल समझौता'