Punjab crime News: पंजाब में मासूमों की खरीद-फरोख्त करने वाले गिरोह का खुलासा, ऐसे खरीदे जाते थे बच्चे
Punjab Crime: पंजाब पुलिस बच्चों की खरीद-फरोख्त करने वाले एक गिरोह को गिरफ्तार किया है. इस गिरोह की महिलाएं आशा वर्करों से जानकारी लेती थी इस घर में बच्चा पैदा हुआ फिर उसे खरीद लिया जाता था.
Punjab crime News: पंजाब में बच्चों की खरीद-फरोख्त करने वाले एक बहुत बड़े गिरोह का खुलासा हुआ है. यह अंतरराज्यीय गिरोह लंबे समय से पंजाब और हरियाणा में बच्चों की बेखौफ होकर खरीद-फरोख्त कर रहा था. इस गिरोह में महिलाएं भी शामिल थी. जो आशा वर्करों से जानकारी जुटाती थी कि किस घर में बच्चा पैदा हुआ है. फिर वो भोले-भाले लोगों को अपने चंगुल में फंसाकर उससे बच्चा खरीद लेते थे और उसे एक बड़ी कीमत पर बेच देते थे.
पटियाला पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन महिलाओं समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों के पास से तलाशी के दौरान दो नवजात बच्चे, एक एंबुलेंस नंबर वाली इनोवा कार समेत अन्य गाड़िया और चार लाख रूपये नकद बरामद हुए है.
मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी वरूण शर्मा ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि नमादा गुग्गा माडी ग्राउंड में नवजात बच्चों का लेने-देन किया जाता है. सूचना के आधार पर जब पुलिस ने मौके पर जाकर छापेमारी की तो वहां नवजात बच्चों का मोलभाव किया जा रहा था. पुलिस ने मौके से गिरफ्तार आरोपी बलजिंदर सिंह, अमनदीप कौर, ललित कुमार, भुपिंदर कौर और सजीता नाम की महिला को गिरफ्तार किया जो पंजाब की रहने वाली है. इसके अलावा पुलिस ने आरोपी हरप्रीत सिंह और सुखविंदर सिंह को भी गिरफ्तार किया है.
गरीबी का फायदा उठाकर होती थी बच्चों की खरीददारी
पुलिस ने बताया कि यह गिरोह गरीब लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें कुछ पैसों का लालच देकर गैर-कानूनी ढंग से बच्चे खरीद लेता था और आगे लाखों के मुनाफे में बेचता था. आरोपियों को अभी पूछताछ की जा रही है कि वो बच्चे किन-किन से खरीदे गए है और आगे कहां और किसे बेचे जाने थे,
नवजात लड़कियों को खरीदना पसंद करते थे खरीददार
वही सीआईए इंचार्ज इंस्पेक्टर विजय कुमार ने बताया कि आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वो ग्राहक देखकर बच्चे का मोलभाव तय करते थे. बच्चों का दाम 4-5 लाख से लेकर 8 लाख रूपये तक होता था. आरोपियों का कहना है कि नवजात अगर लड़की होती थी तो उसका मोल ज्यादा मिलता था. जिसकी एक बड़ी वजह है जो लोग बच्चे खरीदते है उनका कहना होता था कि बालिग होने के बाद जब उनको पता चलता है कि उन्हें अडॉप्ट किया गया है तो वो साथ छोड़ देते है लेकिन लड़कियों के मामलें में यह कम देखने को मिलता है. अडॉप्ट होने के पता चलने के बाद भी वो माता-पिता का साथ नहीं छोड़ती है.