Hoshiarpur News: ‘पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन’ (PSMSA) ने शुक्रवार कहा कि जो वादे उनसे किए गए थे उनको लेकर अधिसूचना जारी नहीं की गई लिहाजा वे 20 जनवरी से एक बार फिर अपनी सेवाएं सस्पेंड करने जा रहे हैं. पीसीएमएसए राज्य में सरकारी चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व करता है.
यह फैसला 1 जनवरी को आयोजित आम सभा की बैठक के दौरान लिया गया, जहां सदस्यों ने अपने करियर की प्रगति और कार्यस्थल सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में कथित देरी पर निराशा व्यक्त की. पीसीएमएसए के अध्यक्ष डॉ. अखिल सरीन ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि एसोसिएशन ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा को प्रभावित करने वाले मुख्य मुद्दों पर सरकार के साथ बातचीत के अपने निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिसमें समयबद्ध पदोन्नति भी शामिल है.
डॉ. सरीन ने कहा कि डीएसीपी 1 जुलाई 2021 से रुकी हुई है, जिससे मेडिकल ऑफिसर्स का मनोबल कम हुआ है और पलायन बढ़ा है. सरीन ने दावा किया, “इसके अलावा, भर्ती में अंतराल, विशेषज्ञों और एमबीबीएस चिकित्सा अधिकारियों की भारी कमी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ा रही है. एक अन्य मुद्दा कार्यस्थल पर सुरक्षा से संबंधित है. स्वास्थ्य सेवा केंद्रों पर 24 घंटे और सातों दिन पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था का अभाव है, जो सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के विपरीत है.”
मंत्रियों ने डॉक्टरों को दिलाया था यह भरोसा
उन्होंने कहा कि सितंबर 2024 में हुई बैठकों के दौरान पंजाब के वरिष्ठ मंत्रियों और स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा कई बार आश्वासन दिए गए लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है. सरीन ने दावा किया, ''एक सप्ताह के भीतर सुरक्षा ढांचे को लागू करने और 12 सप्ताह के भीतर डीएसीपी को बहाल करने सहित लिखित प्रतिबद्धताएं 16 सप्ताह बाद भी पूरी नहीं हुई हैं.''
सितंबर में बंद कर दी गई थी ओपीडी
सितंबर में सरकारी चिकित्सकों ने ओपीडी की सेवाओं को निलंबित रखने के अपने फैसले को वापस ले लिया था, तब उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार ने सुनिश्चित पदोन्नति योजना की बहाली सहित उनकी विभिन्न मांगों पर सहमति व्यक्त की है.
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