Punjab Election 2022: बीते एक साल से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन (Farmer Protest) पंजाब की सियासत का सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है. केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के एलान के साथ ही पंजाब की सियासत में भी बदलाव आना तय है. हालांकि केंद्र सरकार के इस फैसले की वजह से पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) का बीजेपी के साथ मिलकर अगले चुनाव में उतरना लगभग तय हो गया है.


कांग्रेस के साथ अलग होने के बाद से अमरिंदर सिंह ने बीजेपी से अपनी नजदीकी बढ़ा रखी है. कैप्टन अमरिंदर सिंह बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह से मिलने भी पहुंचे थे. अमरिंदर सिंह ने मांग रखी थी कि अगर बीजेपी तीन कृषि कानूनों के मुद्दे को हल कर देती है तो फिर वह साथ मिलकर चुनाव जरूर लड़ेंगे.


कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी के फैसले का स्वागत किया गया है. अमरिंदर सिंह ने कहा, ''पीएम मोदी का शुक्रिया उन्होंने किसानों की मांग को स्वीकार कर लिया. हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार खेती के विकास के लिए काम करना जारी रखेगी.''


कैसे हो सकता है समझौता


कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हालांकि पहले ही साफ कर दिया था कि वह बीजेपी के साथ डायरेक्ट गठबंधन नहीं करेंगे. लेकिन अमरिंदर सिंह ने बीजेपी के साथ सीट शेयरिंग का विकल्प खुला रखा है. इसका मतलब ये हुआ कि जिन सीटों पर बीजेपी अपने उम्मीदवार उतारेगी वहां पर कैप्टन की पंजाब लोक कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ेगी.


अमरिंदर सिंह इस मसले को लेकर जल्द ही पीएम मोदी और अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं. कैप्टन की पार्टी और बीजेपी के अलावा सीट शेयरिंग में अकाली दल से अलग हुए नेताओं के शामिल होने की भी संभावना है. अमरिंदर सिंह की पार्टी को हालांकि अभी तक चुनाव आयोग का क्लियरेंस मिलना बाकी है. 


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