Punjab Election 2022: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गठबंधन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और शिरोमणि अकाली दल के पूर्व नेता सुखदेव सिंह ढिंढसा के साथ बातचीत हो रही है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी गवांने के बाद सिंह कांग्रेस से अलग हो गए थे और उन्होंने पिछले दिनों पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी का गठन किया था, जबकि ढिंढसा ने शिरामणि अकाली दल से अलग होने के बाद शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) नाम से एक पार्टी बना ली थी.
एचटी लीडरशीप समिट में संबोधन के बाद बातचीत में शाह ने इस संभावना को खारिज कर दिया कि किसान आंदोलन का पंजाब और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में किसी प्रकार का कोई असर होगा. उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के बाद अब कोई मामला नहीं रह जाता है. भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि अगले चुनाव में भाजपा शानदार प्रदर्शन करेगी और उत्तर प्रदेश में फिर से सरकार बनाएगी. पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित कुल पांच राज्यों में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
शाह ने कहा, ‘‘हम कैप्टन साहब (अमरिंदर सिंह) और ढिंढसा साहब (सुखदेव सिंह ढिंढसा) से बात कर रहे हैं. संभावना है कि हम उनके दलों से गठबंधन करें. हम सकारात्मक भाव से दोनों दलों से बातचीत कर रहे हैं.’’ किसानों के आंदोलन के बारे में शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कानूनों को निरस्त कर बड़ा दिल दिखाया है. उन्होंने कहा, ‘‘किसानों का आंदोलन समाप्त हो इसके लिए प्रधानमंत्री ने बड़ा दिल दिखाया है...ठीक है भाई...अगर आपको लगता है कि यह कानून किसानों के हित में नहीं है...तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया गया...अब मैं नहीं समझता कि पंजाब में कोई और मुद्दा बचा है. चुनाव मेरिट के आधार पर लड़े जाएंगे.’’ ये पूछे जाने पर कि क्या पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल बदला है, शाह ने कहा कि किसानों के आंदोलन का बहुत कम असर है.
पंजाब में भाजपा लंबे समय तक शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ती रही है. हालांकि, कृषि कानूनों के मुद्दे पर दोनों दलों के बीच वर्षों पुराना गठबंधन टूट गया था. उत्तर प्रदेश में भाजपा सत्ता में है और राज्य मेंफिर से सत्ता में वापसी करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. भाजपा के कुछ पुराने सहयोगियों का अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन करने के सवाल पर शाह ने कहा कि गठबंधनों को मतों के अंकगणित के साथ जोड़ना चुनावों के आकलन का सही तरीका नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति फिजिक्स नहीं केमिस्ट्री है. मेरे मुताबिक जब दो दल हाथ मिलाते हैं तो जरूरी नहीं कि दोनों के वोट भी जुड़ेंगे.
जब दो केमिकल मिलते हैं तो तीसरे केमिकल का भी निर्माण होता है.’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमने पूर्व में भी देखा है जब सपा और कांग्रेस ने हाथ मिलाया और बाद में तीनों (सपा, बसपा और कांग्रेस) एक साथ आ गए...लेकिन जीत भाजपा की हुई. लोग जागरूक हैं. वोट बैंक के आधार पर बनने वाला गठबंधन अब लोगों का मार्गदर्शन नहीं कर सकता.’’ उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश का चुनाव केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के सांगठनिक प्रभार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उत्तर प्रदेश गया था. विश्वास के साथ मैं कह सकता हूं कि भाजपा राज्य में भारी बहुमत के साथ सरकार बनाएगी.’’
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