पंजाब में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस, आप, शिअद और पंजाब लोक कांग्रेस के चुनाव अभियान में पूरी तरह जुट चुकी है. इस बार अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया अमृतसर ईस्ट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इस सीट से कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी मैदान में है. मजीठिया को राजनीति विरासत के तौर पर मिली है. बीजेपी-शिअद गठबंधन की सरकार में मजीठिया पंजाब में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं.
बिक्रम सिंह मजीठिया सांसद और पूर्व केंद्रिय खाद्य मंत्री हरसिमरत कौर के भाई हैं. मजीठिया दो बार मजीठा विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं. इसके अलावा वे यूथ शिअद के अध्यक्ष है. हालांकि मजीठिया अक्सर विवादों से भी घिरे में रहते हैं.
मजीठिया के पिता रह चुके हैं विंग कंमाडर
- बिक्रम सिंह मजीठिया का जन्म 9 जुलाई साल 1976 में हुआ था. उनके पिता सत्यजीत सिंह मजीठिया पूर्व रक्षा मंत्री रह चुके हैं.
- वहीं उनके दादा सरदार सुरजीत सिंह मजीठिया भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर थे. मजीठिया ने लॉरेस स्कूल सनावर और दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से पढ़ाई की है.
- मजीठिया की शादी 2009 में गनीव कौर के साथ हुई.
- बिक्रम सिंह मजीठिया ने साल 2007 में पहली बार राजनीति में कदम रखा. उन्होंने पहली बार मजीठा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
- इस चुनाव में जीत दिलाने में उनकी बहन हरसिमरत कौर का हाथ था. दरअसल उस वक्त वो सांसद थीं और अपने भाई के लिए प्रचार किया था. हालांकि पहली बार चुनाव जीतने के बाद ही मजीठिया अपने बहनोई यानी प्रकाश सिंह बादल की सरकार में मंत्री बन गए.
विवादों से है गहरा नाता
- शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पहली बार साल 2013 में विवादों में ड्रग्स केस के कारण विवादों में घिर गए. तब 6 हजार करोड़ रुपये के ड्रग्स रैकेट का पता चला था इस मामले के मुख्य आरोपी अर्जुन अवॉर्डी रेसलर और डीएसपी जगदीश भोला ने मजीठिया का नाम लिया था.
- इसके बाद साल 2018 में मजीठिया तब सुर्खियों में आए थए जब अरविंद केजरीवाल ने उनसे माफी मांगी थी. ड्रग्स केस के मामले में मजीठिया के खिलाफ गिरफ्तारी के आदेश दिए गए थे लेकिन वो अंडरग्राउंड हो गए थे.
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