Punjab Election: नवजोत सिंह सिद्धू अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से दुनिया के बेहतरीन गेंदबाजों के पसीने छुड़ा देते थे. अब पंजाब विधान सभा चुनावों में बहुत कम समाया बचा है, ऐसे में सिद्धू अपने बयानों से अपनी ही पार्टी कांग्रेस के पसीने छुड़ा रहे हैं. जहां पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को एक बार फिर प्रदेश में अपनी पार्टी की सरकार पर निशाना साधा. 


सिद्धू ने रैली में अपनी ही पार्टी पर साधा निशाना 
उन्हों ने पंजाब की शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से आगे जाने की उसकी मंशा पर सवाल उठाया. यह बाते उन्हों ने पंजाब में एक रैली को संबोधित करते हुए कहीं. जहां उन्होंने अपनी ही सरकार को आड़े हाथों लेते हुए लोगों से पूछा कि क्या उन्हें सरकार द्वारा घोषित सस्ती दरों पर रेत मिल रही है, और कम दरों पर केबल कनेक्शन मिल रहा है? हम आपको बता दें, पिछले महीने, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने घोषणा की थी कि केबल टीवी कनेक्शन के लिए शुल्क सौ रुपये प्रति माह तय किया गया है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि रेत 5.50 रुपये (सत्यापन) प्रति क्यूबिक फीट पर बेची जाएगी.


उन्होंने मुख्यमंत्री के जरिये किये गए वादों पर कटाक्ष करते हुए आगे कहा, क्या आपको सौ रुपये में केबल मिल रही है? क्या आपको मुफ्त में रेत मिल रही है, इसकी कीमत 3,700-4,400 रुपये (ट्रॉली) है." वह यहीं रुके उन्हों ने सरकार को नसीहत करते हुए कहा “मैं आपको बता रहा हूं कि यह केवल बात करने से काम नहीं करेगा. यह नीति और बजटीय आवंटन के साथ आएगा. यह "जुगाड़" के साथ काम नहीं करेगा."


उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि, "यदि आप बिक्रम सिंह मजीठिया जैसे लोगों को दंडित करने, युवाओं के लिए नौकरी और बेअदबी के मामलों और न्याय के लिए वोट देना चाहते हैं, तो एक ईमानदार व्यक्ति को शिखर पर लाएं. मुख्यमंत्री सब कुछ करते हैं. सीएम के पास पूरी ताकत होती है. नौकरशाही कुछ भी नहीं है. उन्होंने ने आगे कहा कि मंत्रियों के साथ गुलामों जैसा व्यवहार किया जाता है. एक अच्छे मुख्यमंत्री के चुनाव से माफिया को खत्म किया जा सकता है. एक ईमानदार मुख्यमंत्री को शीर्ष पर लाना और माफिया को खत्म करना आप पर है".



सिद्धू ने बिक्रम सिंह मजीठिया को लेकर यह कहा
सिद्धू ने पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर कटाक्ष करते हुए भीड़ से पूछा "कहां है मजीठिया". एफआईआर से कुछ नहीं होगा. जब तक उन्हें (मजीठिया) गिरफ्तार नहीं किया जाता, सिद्धू आराम नहीं करेगा. उन्हें बहार आकर कानून का सामना करना चाहिए. 


गौरतलब हो प्रदेश में ड्रग रैकेट के जांच की 2018 की रिपोर्ट के आधार पर मजीठिया के खिलाफ स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. मादक पदार्थ विरोधी विशेष कार्यबल (एसटीएफ) के प्रमुख हरप्रीत सिंह सिद्धू द्वारा 2018 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में रिपोर्ट दाखिल की गई थी. मोहाली की एक अदालत ने मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी है. पंजाब के पूर्व मंत्री के खिलाफ ‘लुकआउट सर्कुलर’ भी जारी किया गया है, जो किसी व्यक्ति को देश छोड़ने से रोकता है.
 
सिद्धू ने पंजाब मोडल की वकालत करते हुए कहीं यह बातें 
अपने 'पंजाब मॉडल' की वकालत करते हुए सिद्धू ने कहा कि अगर पार्टी नेतृत्व से इसके लिए मंजूरी मिल जाती है, तो एक रेत ट्रॉली सिर्फ एक हज़ार रुपये में उपलब्ध होगी. उन्होंने कहा कि इस बार या तो वह रहेंगे या फिर बालू और शराब माफिया. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इसीलिए मैं आपको बता रहा हूं कि केवल बात से काम नहीं चलेगा. मैं एक नीति और बजटीय आवंटन के साथ आऊंगा. यह ‘जुगाड़’ के साथ काम नहीं करेगा.’’


पूर्व क्रिकेटर ने पूर्व विधायक अश्विनी सेखरी का किया समर्थन
सिद्धू ने रैली के दौरान बटाला विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक अश्विनी सेखरी की उम्मीदवारी का पुरजोर समर्थन किया. इससे पहले, सेखरी ने आरोप लगाया था कि पंजाब के कैबिनेट मंत्री त्रिपत राजिंदर सिंह बाजवा बटाला से चुनाव लड़ना चाहते हैं और निर्वाचन क्षेत्र में 'हस्तक्षेप' करना चाहते हैं.


सेखरी कैप्टन अमरिंदर सिंह के खेमे समर्थक माने जाते हैं. जो पिछले दिनों मंत्री त्रिपत राजिंदर सिंह के समर्थकों को हटाकर बटाला में पार्टी के प्रमुख पदों पर सेखरी के समर्थकों को नियुक्त किया गया था. लेकिन चरणजीत चन्नी के सीएम का पदभार ग्रहण करते ही सेखरी समर्थकों को हटा दिया गया. ऐसी भी अफवाहें थीं कि असंतुष्ट नेता बटाला से चुनाव लड़ने के लिए शिरोमणि अकाली दल या भाजपा में शामिल हो सकते हैं. 


वहीं सिद्धू ने टिकट के बंटवारे को लेकर कांग्रेस पार्टी का समर्थन करते हुए लोगों से कहा,कांग्रेस पार्टी ने हमेशा एक खास समुदाय को बटाला का टिकट दिया है और इन चुनावों में भी सीट उस समुदाय के पास रहेगी.


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