Punjab Election 2022: पंजाब में शनिवार को "पंजाब अनएडेड स्कूल एसोसिएशन" के बैनर तले शिक्षकों, अभिभावकों और स्कूल प्रशासन ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि अगर राज्य में स्कूल फिर से नहीं खोले गए, तो वो आने वाली विधानसभा चुनावों में मतदान नहीं करेंगे.


शिक्षकों और अभिभावकों ने की स्कूल खोलने की मांग


स्कूल प्रशासन और अभिभावकों ने स्कूलों को फिर से खोलने की मांग करते हुए कहा, अगर स्कूल फिर से नहीं खोले गए, तो हम मतदान नहीं करेंगे. पंजाब सरकार ने पहले राज्य में बढ़ते COVID-19 मामलों को देखते हुए स्कूलों को 8 फरवरी तक बंद करने का फैसला किया था. वहीं बढ़ती पाबंदियों के विरोध में अब स्कूल प्रशासन, शिक्षक और अभिभावक सामने आ गए हैं.


10 स्कूलों के शिक्षक हुए प्रदर्शन में शामिल


एक निजी स्कूल के प्रिंसिपल एमए सैफी ने कहा कि बरनाला जिले के कम से कम 10 स्कूलों के प्रतिनिधि, शिक्षक और अभिभावक यहां विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. हम सभी की एक ही मांग है और वो है स्कूलों को फिर से खोलने की. बता दें कि पिछले साल भी राज्य में स्कूल लगभग नौ महीने के लिए बंद थे, और अब फिर से स्कूल 5 जनवरी से लगातार बंद हैं. हमारे स्कूलों में स्टाफ और बच्चों को भी टीका लगाया गया है. जब सब कुछ खुला है, तो स्कूल क्यों बंद हैं.


मोबाइल से बच्चों की आंखों पर हो रहा है बुरा असर


वहीं एक बच्चे के पिता जगदीप कौर ने कहा कि मोबाइल फोन पर पढ़ने से बच्चों की आंखों पर बुरा असर पड़ रहा है. मेरा बेटा भी पढ़ाई में अच्छा नहीं कर रहा है. इसलिए हम चाहते हैं कि स्कूल खुल जाएं. चुनावी रैलियां हो रही हैं, लेकिन स्कूल बंद हैं. वहीं एक शिक्षिका स्वीटी शर्मा ने कहा सरकार हमें ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कोई मंच या सुविधा नहीं दे रही है और जो मंच हमारे पास है वो भी हमसे छीन लिया जा रहा है. हम 8 फरवरी तक का इंतजार कर रहे हैं, उसके बाद स्कूल खुल जाने चाहिए.


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