Punjab Election: पंजाब विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस सीएम उम्मीदवार के नाम का एलान करने को लेकर दुविधा में है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले सप्ताह कहा था कि कांग्रेस पार्टी पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए चेहरे का एलान करेगी. कांग्रेस अब शक्ति एप्प के जरिए पार्टी के कार्यकतार्ओं से पंजाब सीएम का चेहरा के बारे में जानकारी हासिल करेगी.


कांग्रेस अगले 3-4 दिनों में शक्ति एप्प के जरिए कार्यकतार्ओं द्वारा चुने गए पसंदीदा चेहरे को पंजाब का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाएगी. कांग्रेस पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी सीएम मुख्यमंत्री का नाम ऐलान करने की मांग की थी. सूत्रों के मुताबिक, सीएम चन्नी के 100 दिन के काम को पार्टी ने चयन का आधार बनाया है. चन्नी के आक्रामक काम की वजह से कांग्रेस की स्थिति ठीक हुई है.


इसके बाद से ही मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सीएम चेहरे को लेकर पंजाब में जंग तेज हो गई है. दोनों गुटों के नेता और कार्यकर्ता पार्टी हाईकमान के आगे उनका प्रस्ताव रखें इसके लिए दोनों धड़ों ने तेजी से लॉबिंग करना शुरू कर दिया है. हालांकि मुख्यमंत्री पद के चेहरे की इस रेस में फिलहाल चन्नी सिद्धू से आगे नजर आ रहे हैं.


चन्नी हैं रेस में आगे


चन्नी के लिए सबसे खास बात यह है कि चन्नी इस बार दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं. इससे साफ है कि पार्टी चाहती है कि उनकों शतप्रतिशत जीत हासिल हो और दोनों विधायक क्षेत्रों में पार्टी को एक दलित उम्मीदवार हासिल हो.


हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव का परिणाम और दलित वोट बैंक का गणित देखें तो वह मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के पक्ष में हैं. चन्नी न केवल विधानसभा चुनाव अपनी सीट पर जीते बल्कि लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी को अपनी सीट से सबसे ज्यादा वोट दिलवाया. चन्नी के सहारे कांग्रेस पंजाब में 32 फीसदी दलित वोट बैंक को साध सकती है. 


नवजोत सिंह सिद्धू हालांकि सीएम पद की रेस में पिछड़ते हुए नज़र आ रहे हैं. नवजोत सिंह सिद्धू हालांकि अपने पंजाब मॉडल के जरिए कांग्रेस हाईकमान पर दवाब बनाने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं दे रहे हैं.


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